9 जून को मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशाला प्रत्यायन दिवस...
मरीजों को अस्पताल में एनएबीएच के मानकों के अनुसार सुविधाओं का लाभ मिल रहा है : डॉ. मीणा
ग्वालियर। अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशाला प्रत्यायन दिवस 9 जून को मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय प्रत्यायन फोर्म के संयुक्त प्रयासो के परिणाम स्वरूप 2007 में आईएलएसी और आईएएएफ के संयुक्त प्रयासों से की गई।9 जून को स्थापना दिवस के रूप में ग्वालियर के केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद आयुष मंत्रालय भारत सरकार ग्वालियर के आमखो स्थित संस्थान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर एक प्रेस वार्ता के माध्यम से पत्रकारों को जानकारी देते हुए संस्थान के डॉक्टर मीणा ने बताया कि सीसीआरएएस आयुष मंत्रालय भारत सरकार के तहत एक स्वास्थ्य संगठन है जो देश के आयुर्वेदिक विज्ञान में वैज्ञानिक आधार पर अनुसंधान और अनुसंधान समन्वय के लिए एक शीर्ष निकाय है।
अनुसंधान के क्षेत्र में साहित्य अनुसंधान चिकित्सा पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण सहित मौलिक अनुसंधान बुनियादी अनुसंधान औषधि अनुसंधान और विकास वनस्पति अनुसंधान औषधि विज्ञान आदि पर प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान एवं संस्थानों के साथ सहयोगी 30 क्षेत्रीय संस्थानों के माध्यम से अनुसंधान को निष्पादित किया जाता है।
पत्रकारों को जानकारी देते हुए संस्थान के प्रभारी सहायक निदेशक डॉ एके मीणा, डॉक्टर बी एस सिसोदिया, डॉक्टर सविता शर्मा और डॉ अमित मंगल ने संयुक्त रूप से बताया कि इस संगठन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यायन की भूमिका को पहचानना और उसे बढ़ावा देना स्वास्थ्य सेवा प्रयोगशालाओं प्रमाणन निकायों और अनुरूपता मूल्यांकन सेवाओं जैसे उद्योगों में क्षमता विश्वसनीयता सुनिश्चित कर मान्यता के मूल्यों और लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
वर्ष 2023 का विषय प्रत्यायन वैश्विक व्यापार के भविष्य का समर्थन रखा गया है जो इस बात पर केंद्रित है कि मान्यता संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन कैसे करती है। उन्होंने बताया कि पिछले कई वर्षों से संस्थान द्वारा इस अस्पताल को NABH से मान्यता दिलाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे जिसके बाद संस्थान का मूल्यांकन NABH टीम द्वारा क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से 17 और 18 नवंबर 2022 को मानकों के अनुसार किया गया इसके बाद संस्थान को 13 मार्च 2023 को एन ए बी एच के द्वारा मान्यता प्राप्त हुई।
मान्यता मिलने के बाद मरीजों को अस्पताल में एनएबीएच के मानकों के रूप सुविधाओं का लाभ मिल रहा है और मरीजों को सुरक्षित एवं मानवीय आयुर्वेद उपचार दिया जा रहा है। श्री मीणा ने आगे जानकारी देते हुए बताया किस संस्थान में गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला है आई एस ओ आईसीआई 7025 2017 के तहत भारतीय गुणवत्ता परिषद परीक्षण और अंकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्ययन बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त एनएबीएल आयुष प्रणालियों में इस्तेमाल होने वाली दवा के परीक्षण के 36 मापदंडों के लिए प्राप्त हुई है जिसकी प्रयोगशाला एवं अस्पताल को क्रमशः एनएबीएल एवं एंड एबीएस से मान्यता प्राप्त है।
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