कांग्रेस के 1500 पर शिवराज सरकार के तीन हजार भारी !
सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों ही कर रहे हैं चुनावी मानसून में वादों की बौछार !
मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच महिला वोटरों को अपनी ओर लुभाने की प्रतिस्पर्धा चल रही है। इस सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों ही कर रहे हैं चुनावी मानसून में वादों की बौछार ! से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वोटर्स की बोली लग रही है, क्योंकि शिवराज सरकार घोषणा करती है कि हम महिलाओं को एक 1 हजार रूपये महीना देंगे, तो विपक्षी कांग्रेस महिलाओं को अपनी ओर करने के लिए डेढ़ हजार रूपये महीना देने की घोषणा करती है , साथ में 500 रूपये में रसोई गैस सिलेण्डर देने का वायदा भी।
अब जब भाजपा को लगने लगा कि महिलाओं के बीच कांग्रेस का पलड़ा भारी पड़ने लगा है तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बहुत बड़ी घोषणा कर देते हैं कि 1000 रूपये वाली लाड़ली बहना योजना में आगे जाकर 3 हजार रूपये महीना तक मिलेंगे। जाहिर है इस बड़ी चुनावी रैवड़ी ने भाजपा को महिलाओं के बड़े हिस्से में अपनी पैठ बनाने में आसानी की है। इधर, शिवराज सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय भी बढ़ा दिया है।
यदि प्रदेश की वे महिलाएं , जिन्हें लाड़ली बहना योजना में चुना गया है, के मन में यह बात घर कर जाती है कि शिवराज सरकार बैठे-ठाले 3 हजार रूपये महीना देेगी , तो तय मानिए कि सामान्य , ओबीसी, अनुसूचित जाति समुदाय की गरीब महिलाएं आगामी चुनाव में भाजपा को ही पसंद करेंगी। इसलिए विपक्षी कांग्रेस भी शिवराज के 3 हजार महीना देने की योजना का तोड़ खोज रही होगी।
कांग्रेस के डेढ़ हजार रूपये+500 रूपये के चुनावी वायदे पर भाजपा सरकार के तीन हजार रूपये भारी पड़ सकते हैं। अभी तो चुनाव में 5 महीनेे हें। दोनो पार्टियां मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए और भी राहत योजनाएं लाएंगी। हो सकता है कि आम आदमी पार्टी घोषणा कर दे कि हमारी पार्टी सत्ता में आई तो हम महिलाओं को 5000 रूपये महीना देंगे। चुनावी उपहारों की बरसात की कोई तो सीमा होनी चाहिए। याद रखें कि मध्यप्रदेश सरकार पर इस समय तीन लाख 3 हजार करोड़ रूपये से अधिक का कर्ज है।
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