भाजपा में ग्वालियर चंबल अंचल में बगावत की शुरुआत !
समीक्षा के लिए चुनाव में काम नहीं करेंगे ‘नारायण सिंह’
ग्वालियर। पूर्व मंत्री और भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह ने आज जो बयान दिया वह उनकी खुन्नस हो सकती है। लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर की पूर्व महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता को लेकर उन्होंने जो बयान दिया उससे यह तो साफ हो गया कि ग्वालियर चंबल अंचल में आने वाले दिनों में कई और ‘नारायण सिंह’ सामने आएंगे। तो क्या ग्वालियर चंबल अंचल में बगावत की हवा चल पड़ी है। नारायण सिंह ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट से भाजपा के हारे हुए प्रत्याशी हैं। और हार का ठीकरा उन्होंने ग्वालियर की पूर्व महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता पर फोड़ा है जिन्होंने इसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ कर नारायण सिंह को हार का रास्ता दिखा दिया था। जीत समीक्षा गुप्ता को भी नहीं मिली और बाजी कांग्रेस के प्रवीण पाठक के हाथ लगी।
हालांकि नारायण सिंह कुशवाह पार्टी के जिताऊ कैंडिडेट थे लेकिन इस हार के बाद से ही भाजपा ने नारायण सिंह कुशवाह की पूछ परख बंद कर दी। भीतर से भरे बैठे पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कह ही दिया कि अगर समीक्षा गुप्ता को पार्टी टिकट देती है तो वह उनके लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। दक्षिण विधानसभा सीट से नारायण सिंह कुशवाहा भी टिकट की उम्मीद लगाए बैठे हैं और टिकट की आस में समीक्षा गुप्ता भी हैं। भाजपा में इस सीट पर नारायण सिंह कुशवाह और समीक्षा गुप्ता ही नहीं भाजपा के कई दावेदारों की नजर है। इसके अलावा महाराज भाजपा से भी कई दावेदार तैयार बैठे हैं। इस सीट पर भाजपा में जो हालात बने हैं उससे यह तो तय है कि जिसे भी टिकट मिलेगा उसे अपने ही निपटाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पार्टी में लंबे समय से हाशिए पर चल रहे पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा पहले ही इस सीट से अपना दावा ठोक चुके हैं।
अपने जन्मदिन के मौके पर पूर्व मंत्री और पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह ने खुलकर कहा अगर पार्टी समीक्षा गुप्ता को टिकट देती है तो वह समीक्षा के लिए चुनाव में काम नहीं करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि समर्थ समीक्षा की जगह किसी और को टिकट मिलता है तो वह उस उम्मीदवार के लिए काम करेंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर अनूप मिश्रा को पार्टी टिकट देती है तो वह अनूप का खुलकर साथ देंगे। नारायण सिंह के इस बयान से पार्टी में खलबली मची हुई है। ग्वालियर चंबल भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ है। और कांग्रेस का फोकस भी इसी अंचल पर है। ऐसे में भाजपा में बगावत की चिंगारी चुनाव में कितना असर दिखाएगी यह देखने लायक होगा।
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