कलेक्टर से तत्काल ही जांच किए जाने के दिए निर्देश...
स्कूल में हिंदू छात्राओं के हिजाब मामले में मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी !
दमोह। दमोह में हिंदू छात्रों को हिजाब पहनाने का मामला गरमा गया है। शहर के फुटेरा वार्ड नंबर-4 गौरी शंकर मंदिर के समीप स्थित एक निजी स्कूल गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाली हाई स्कूल की छात्राओं के टाप में आने के उपरांत लगाए गए पोस्टर में हिंदू छात्राएं हिजाब की तरह कपड़ा सिर पर बांधे दिखाई दिए जाने के उपरांत प्रारंभ हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में स्कूल पर हिंदू संगठनों द्वारा धर्मांतरण के आरोप लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मामले में कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए हैं।
जिसके उपरांत कलेक्टर द्वारा टीम गठित कर जांच कराए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन यहां अब इकबाल के गीत पर भी विवाद गरमा गया है। लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी, जिंदगी शमा की सूरत हो खुदाया मेरी अल्लामा इकबाल का यह गीत दमोह के गंगा जमुना स्कूल की प्रेयर में भी राष्ट्रगान के साथ साथ शामिल है। स्कूल लगने के पहले जहां राष्ट्रगान होता है उसके तुरंत बाद अल्लामा इकबाल का यह गीत का गायन भी छात्राओं द्वारा किया जाता है। इस गीत को लेकर भी हिजाब की तरह ही अनेक प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं।
पोस्टर पर शुरू हुआ विवाद
गंगा जमुना हाई स्कूल की कक्षा दसवीं की छात्रों द्वारा स्कूल में टाप किए जाने पर लगाए गए शाला के बाहर पोस्टर में हिजाब की तरह कपड़ा बांधे 4 हिंदू छात्राओं की फोटो होने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। जिस पर इस पोस्टर के वायरल होने के साथ ही हिंदू संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया था और स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन भी डिप्टी कलेक्टर राम लल्लन बागरी को सौंपा था। जिस पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी ट्वीट कर इस मामले में प्रशासन को जांच के निर्देश दिए थे, जिसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस मामले में कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए जाने के बाद लगातार ही इस मामले में जांच प्रारंभ कर दी गई थी जिसके उपरांत यह मामला मीडिया के माध्यम से काफी सुर्खियों में आ गया।
यह कहना है स्कूल प्रबंधन का
इस संबंध में स्कूल के डायरेक्टर इदरीश खान का कहना है कि जिसे हिजाब कहां जा रहा है वह स्कार्फ़ है। हिजाब सिर से लेकर पैर तक होता है। स्कार्फ सिर से लेकर सीने तक होता है। किसी बच्चे के लिए यह अनिवार्य नहीं है लेकिन स्कूल का ड्रेस कोड है। इसलिए सभी बच्चे पहन कर आते हैं और इस पर बच्चों के अभिभावकों को भी कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने इकबाल का गीत पढ़े जाने को लेकर कहा कि यह एक दुआ है जो बच्चे अपने लिए करते हैं। उन्होंने कहा कि उनका यह स्कूल अल्पसंख्यक कोटे से मान्यता प्राप्त है जिसमें केवल धर्म विशेष के बच्चे ही पढ़ सकते हैं लेकिन सभी धर्म के बच्चों को अपने स्कूल में प्रवेश देते हैं।
2010 से संचालित है स्कूल
बताया गया है कि यह स्कूल वर्ष 2010 से दमोह शहर के यशवंत चौराहे के समीप गौरी शंकर मंदिर के सामने संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में शाला में लगभग 1200 बच्चे अध्ययनरत हैं जिसमें कक्षा नर्सरी से लेकर ग्यारहवीं तक की कक्षाएं संचालित की जा रही है। इस वर्ष कक्षा बारहवीं के नए सत्र की शुरुआत भी की जा रही है। इस मामले में कलेक्टर मयंक अग्रवाल का कहना है कि गृह मंत्री के उपरांत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी इस मामले में जांच किए जाने के निर्देश दिए हैं। जिसके उपरांत तहसीलदार मोहित जैन, डीपीसी पीके रैकवार एवं पुलिस अधिकारियों की एक टीम गठित कर इसकी जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने पर गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री को प्रेषित कर दी जाएगी।
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