प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन…
पत्रकारों की सुरक्षा एवं सम्मान की जिम्मेदारी सरकार की है : पंकज त्रिपाठी
भिण्ड। प्रेस मीडिया पत्रकार कल्याण संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में काफी समय हो गया है, लेकिन आज जैसे हालात पहले कभी नहीं देखे सुने हैं वरिष्ठ पत्रकार पंकज त्रिपाठी ने कहा कि लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए जनहित में निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों और उनके परिवारजनों को कुछ वर्षों से अचानक एक के बाद एक अनेकों तरह से प्रताड़ित किए जाने की आये दिन खबरें देखने व सुनने को मिलती है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि कुछ वर्षों से पत्रकारों के साथ घटित हो रही घटनाओं जैसे कि मारपीट, हमले. धमकियां, हत्या, फर्जी झूठे मुकद्दमों से पत्रकार और उनके परिवारजनों का जीना दुस्वार हो गया है. यहां तक कि पत्रकारों के साथ बेइंतहा होते शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक उत्पीड़न अत्याचार से पत्रकारों एवं उनके परिवारजनों में डर, दहशत एवं भय का माहौल बनता जा रहा है लगातार होते पत्रकारों एवं उनके परिवारजनों के साथ दुर्व्यवहार के कारण स्वतंत्र एवं निष्पक्ष पत्रकारिता में बड़ा व्यवधान पड़ रहा है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि आज के समय में हालात ऐसे हैं कि पत्रकारजनों को अपने साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होने का डर बना रहता है, जो कि आजाद भारत में लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार की घटनायें निंदनीय विषय है। जिस पर बिना समय गवायें केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों को अविलंब सकारात्मक निर्णय लेना अति आवश्यक है। भारत सरकार व प्रदेश सरकार से मैं देश के सभी पत्रकारों की ओर से पत्रकारों की सुरक्षा एवं सम्मान की पुरजोर मांग करते हैं।संघ जिलाध्यक्ष उमाकांत शर्मा व जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि देश में बढ़ते पत्रकार उत्पीड़न को लेकर सरकार शीघ्र ठोस कदम उठाये अन्यथा जनहित की आवाज उठाने वाले शासन की जनकल्याणकारी योजनओं को आमजन तक पहुंचाने वाले शांतप्रिय, बुद्धिजीवी पत्रकारजन अपनी सुरक्षा एवं सम्मान के लिए सड़कों पर आन्दोलन करने के लिए विवश होंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
मुख्य मांगें -
• वरिष्ठ पत्रकार जिनकी आयु 55 वर्ष से अधिक है। दस हजार (10,000)) रुपये एवं 60 वर्ष से अधिक है, उन्हें पन्द्रह हजार (15.000) रुपये मासिक जीवन भत्ता दिया जाये।
• पत्रकार पत्रकारिता (ऑन ड्यूटी) करते समय मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता वाले पत्रकार के निधन होने पर परिजनों को बीस लाख (20.00.000/-) रुपये एवं प्रेस से जुड़े हुए किसी भी कर्मचारी का ऑनड्यूटी निधन होने पर दस लाख (10.00,000/- रूपये की आर्थिक सहायता तुरन्त की जाये।
• पत्रकारों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध होने से पहले उच्च स्तरीय अधिकारियों की जांच के पश्चात मामाला पंजीबद्ध किया जाये बिना जांच किये मामला पंजीबद्ध करने वाले अधिकारी को निलंबित किया जाकर उक्त प्रकरण की वरिष्ठ अधिकारी से सही जाँच करने के बाद ही मामला दर्ज किया जाये।
• पत्रकार को झूठे प्रकरण में फंसाने या फंसाने वाले व्यक्ति पर तुरन्त मुकद्दमा दर्ज किया जकार पीड़ित पत्रकार को दो लाख (2,00,000/-) रुपये मुआवजा दिया जाये अथवा झूठा प्रकरण दर्ज करने या कराने वाले से दिलाया जाये।
• पत्रकार को अपमानित या प्रताड़ित करने वाले व्यक्ति पर तुरन्त प्रकरण दर्ज किया जाकर पीड़ित पत्रकार को पांच लाख (5.00.000/-) रुपये दिये जायें अथवा अपमानित करने वाले व्यक्ति से दिलवाये जायें।
• पत्रकारों को शस्त्र लाइसेंस बनवाने में प्राथमिकता देते हुए शस्त्र लाइसेंस आवेदन करने के दिनांक से 3 माह (90 दिन) के भीतर शस्त्र लाइसेंस जारी किया जाये।
• मान्यता प्राप्त एवं गैरमान्यता वाले सभी पत्रकारों को जिला स्तरीय पत्रकारों को पूरे जिले में एवं प्रदेश स्तरीय पत्रकारों को पूरे प्रदेश के सभी टोल पर वैध प्रेस कार्ड दिखाने पर चार पहिया वाहनों पर टोल शुल्क से पूर्णतः मुक्त किया जाये।
• शासकीय एवं प्राइवेट बड़े अस्पतालों में मान्यता प्राप्त एवं गैरमान्यता वाले सभी पत्रकारों के लिए शासकीय अस्पताल में पांच पलंग एवं प्राइवेट बड़े अस्पताल में दो पलंग वाला 1 पत्रकार वार्ड की व्यवस्था कराई जाये।
• भवन निर्माण हेतु शासकीय योजना अंतर्गत रियायती दरों पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पच्चीस लाख (25,00,000/-) रुपये एवं गैर मान्यता वाले पत्रकार को पन्द्रह लाख (15,00,000/-) रूपये से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया जाये।
• केन्द्र में राष्ट्रीय पत्रकार आयोग एवं सभी राज्यों में राज्य पत्रकार आयोग का गठन किया जाये, जिसमें 11 सदस्यीय (एक अध्यक्ष, 2 उपाध्यक्ष, 8 सदस्य) शामिल किये जायें। केबिनेट एवं राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाये। राष्ट्रीय एवं राज्य पत्रकार आयोग में प्रेस/मीडिया से जुड़े लोग ही शामिल किये जायें।
• जिला स्तर पर प्रतिमाह कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक एवं पत्रकारों की एक बैठक नियमित / अनिवार्य किए जाने का शासकीय नियम बनाया जाये। ज्ञापन नायब तहसीलदार रामलोचन तिवारी ने लिया।
• उक्त मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की है। ज्ञापनकर्ताओं में मुख्य रूप से संघ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी, संघ जिलाध्यक्ष उमाकांत शर्मा,जिला उपाध्यक्ष संजीव शर्मा,भारत सिंह रावत,अमरकांत सिंह चौहान,जितेंद्र सिंह यादव,मनोज श्रीवास,सतेंद्र सिंह यादव,अरविंद शर्मा, कपिल त्रिपाठी,अनिल दुबे,राजू सिरोठिया गोपाल शर्मा,संजीव सिंह चौहान,सुनील कांकर सहित कई पत्रकार शामिल हुए।
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