G News 24 : चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के कारण तेगुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के इलाकों में हुई है भारी तबाही !

 गुजरात में तबाही मचाने के बाद बिपरजॉय के अगले 12 घंटों में हो सकता है  कमजोर ...

चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के कारण तेगुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के इलाकों में हुई है भारी तबाही !

गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों में तबाही मचाने के बाद चक्रवात बिपरजॉय कमजोर पड़ गया और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ गया. चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण तेज हवाएं चलने और भारी बारिश होने से गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के इलाकों में भारी तबाही हुई है. तूफान से बिजली के सैकड़ों खंभे क्षतिग्रस्त हो गए. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि गुजरात के तटीय क्षेत्रों में दस्तक देने के बाद चक्रवात 'बिपरजॉय' कमजोर होकर 'गहरे दबाव' में बदल गया है और इसके अगले 12 घंटों में और कमजोर होने का अनुमान है. 

आईएमडी ने कहा, "चक्रवाती तूफान बिपरजॉय कल, 16 जून, 2023 को 2330 घंटे IST पर एक डीप डिप्रेशन में दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से सटे दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान और धोलावीरा में कमजोर हो गया. अगले 12 घंटों के दौरान एक डिप्रेशन में ये और कमजोर हो जाएगा. इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि उत्तर गुजरात में भारी बारिश होने का अनुमान है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के हवाले से कहा गया है कि अग्रिम योजनाएं और एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई. बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, राजकोट और पोरबंदर जिलों में 1,127 टीम काम कर रही हैं वहीं वन विभाग ने सड़कों पर गिरे 581 पेड़ों को हटा दिया है.

राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा था कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय से राज्य में किसी व्यक्ति की जान जाने की सूचना नहीं है. यह राज्य के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह हमारे सम्मलित प्रयासों से संभव हो सका. तटीय क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए 1,09,000 लोगों में 10,918 बच्चे, 5,070 वरिष्ठ नागरिक और 1,152 गर्भवती महिलाएं थीं.बिपरजॉय तूफान के जखौ बंदरगाह के निकट पहुंचने की प्रक्रिया बृहस्पतिवार शाम करीब साढ़े छह बजे शुरू हुई और शुक्रवार को तड़के दो बजकर 30 मिनट तक चली. इस दौरान पूरे कच्छ जिले में भारी बारिश हुई. चक्रवात के कारण 140 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश से बड़ी संख्या में पेड़ तथा बिजली के खंभे उखड़ गए और समुद्र का पानी निचले इलाके के गांवों में भर गया. चक्रवात अब दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ रहा है तथा एनडीआरएफ ने राज्य सरकार से विचार विमर्श करके एक टीम जलोर में पहले ही तैनात कर दी है, क्योंकि भारी बारिश से बाढ़ आने और लोगों के फंसने का खतरा है.

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