G News 24:अभिव्यक्ति की आजादी का अर्थ अबाध भाषा का लाइसेंस नहीं

 हाईकोर्ट का अहम फैसला...

अभिव्यक्ति की आजादी का अर्थ अबाध भाषा का लाइसेंस नहीं 

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब भाषा के ब‍िना क‍िसी रोक टोक के उपयोग का लाइसेंस कतई नहीं है। कोर्ट ने मां दुर्गा पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले याची की याचिका खारिज कर कहा है कि सोशल मीडिया वैश्विक प्लेटफार्म है। यह लोगों के लिए अभिव्यक्ति की आजादी का उपयोग करने का महत्वपूर्ण साधन बन चुका है, लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी विशेष जिम्मेदारी और कर्तव्य के साथ मिलती है। 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि यह नागरिकों को गैर जिम्मेदाराना रूप से बोलने की स्वतंत्रता नहीं देती है। न ही यह भाषा के हर संभव अबाध उपयोग की आजादी देती है। मां दुर्गा पर सोशल मीडिया के द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले जौनपुर के शिव कुमार भारती की याचिका खारिज कर जस्टिस मंजू रानी चौहान की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है। 

गौरतलब है कि याची ने अपने व्हाट्सएप से कई व्हाट्सएप ग्रुप पर मां दुर्गा के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई थी और शिकायतकर्ता अखंड प्रताप सिंह ने 8 अक्टूबर 2021 को जौनपुर के बदलापुर थाने में याची के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 ए और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। 

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