अन्तराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का प्रधानमंत्री मोदी करेंगे नेतृत्व ...
योग दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे 180 से ज्यादा देशों के लोग
योग की परम्परा अत्यन्त प्राचीन है और इसकी उत्पत्ति हजारों वर्ष पहले हुई थी। ऐसा माना जाता है कि जब से सभ्यता शुरू हुई है तभी से योग किया जा रहा है। अर्थात प्राचीनतम धर्मों या आस्थाओं (faiths) के जन्म लेने से काफी पहले योग का जन्म हो चुका था। योग विद्या में शिव को "आदि योगी" तथा "आदि गुरू" माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 21 जून को आयोजित योग दिवस समारोह में 180 से अधिक देशों के लोग हिस्सा लेंगे और इसमें राजनयिकों, कलाकारों, शिक्षाविदों और उद्यमियों सहित अन्य शामिल होंगे।
■ 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। योग मानव शरीर की एक ऐसी जरूरत है जिसे पूरा करने से हजारों फायदे होते हैं। योग करके कोई भी व्यक्ति निरोग रह सकता है।
■ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में अपने संबोधन के दौरान योग दिवस का विचार प्रस्तावित किया था।
■ 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने पर सहमति व्यक्त की। जिसका उद्घाटन समारोह 21 जून, 2015 को हुआ था।
■ भारत में योग का इतिहास लगभग 5000 साल पुराना है। शारीरिक रूप से फिट रहने और मानसिक शांति व अध्यात्म के लिए लोग योग प्राचीनकाल से ही कर रहे हैं।
■ अगस्त नामक सप्तऋषि ने ही पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा कर यौगिक तरीके से जीवन जीने की संस्कृति को गढ़ा था।
■ पूरी दुनिया में योग की उत्पत्ति सबसे पहले भारत में ही हुई थी इसके बाद यह दुनिया के अन्य देशों में लोकप्रिय हुआ।
जब-जब योग की बात की जाती है, तब-तब पतंजलि का नाम सबसे पहले लिया जाता है। कहा यह भी जाता है कि पतंजलि ही पहले और एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने योग को आस्था, अंधविश्वास और धर्म से बाहर निकालकर एक सुव्यवस्थित रूप दिया था।
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