दिल के दौरे का इस खास दिन से संबंध...
सोमवार के दिन गंभीर हार्ट अटैक का खतरा 13% अधिक !
दुनियाभर में होने वाली आकस्मिक मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है हार्ट अटैक। एक अनुमान के मुताबिक कोरोनरी हार्ट डिजीज (सीएचडी) हृदय रोग का सबसे आम प्रकार है, जिसके कारण हर साल लगभग चार लाख लोगों की मौत होती है। अकेले अमेरिका में 8 लाख से अधिक की मौत हार्ट अटैक के कारण होती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोविड महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामले अधिक रिपोर्ट किए जा रहे हैं। वैसे तो इसके कई कारण हो सकते हैं, पर एक हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि सप्ताह में सोमवार का दिन ऐसा होता है जिस दिन गंभीर हार्ट अटैक का जोखिम अधिक हो सकता है।लाइफस्टाइल और आहार की समस्याओं को अब तक हार्ट अटैक के जोखिमों से जोड़कर देखा जाता रहा है। हालांकि इस अध्ययन में दिल के दौरे के गंभीर मामले का किसी खास दिन से कनेक्शन बताया गया है।
ब्रिटेन के मैनचेस्टर में ब्रिटिश कार्डियोवास्कुलर सोसाइटी (बीसीएस) सम्मेलन में प्रस्तुत अध्ययन में बताया गया है कि सोमवार को दिल का दौरा पड़ने की आशंका 13% अधिक हो सकती है। किसी अन्य दिन की तुलना में कार्य सप्ताह के शुरुआती दिन में हार्ट अटैक के गंभीर और जानलेवा होने का खतरा भी अधिक हो सकता है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने 2013 से 2018 के बीच गंभीर प्रकार के दिल के दौरे के कारण अस्पताल में भर्ती आयरलैंड के 10,528 रोगियों के डेटा का विश्लेषण किया।गंभीर हार्ट अटैक को एसटी-सेगमेंट एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (एसटीईएमआई) के नाम से भी जाना जाता है, यह तब होता है जब मुख्य कोरोनरी आर्टरी पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती है।
शोधकर्ताओं ने डेटा अध्ययन में पाया कि सप्ताह की शुरुआत में एसटीईएमआई की शिकायत अधिक हो सकती है, सोमवार को इसका उच्चतम दर जबकि रविवार को इसके मामले काफी कम रहे। ऐसा क्यों होता है इसके कारण बहुत स्पष्ट तो नहीं हैं, पर अध्ययनों से पता चलता है कि सर्केडियन रिदम (शरीर की नींद या जागने के चक्र) इसकी एक वजह हो सकती है। बेलफास्ट हेल्थ एंड सोशल केयर ट्रस्ट में शोध का नेतृत्व करने वाले कार्डियोलॉजिस्ट डॉ जैक लाफन इस रिपोर्ट में बताते हैं, हमने सप्ताह की शुरुआत में एसटीईएमआई के मामले अधिक देखे हैं। अक्सर वीकेंड में हमारे सोने जागने का समय बदल जाता है, दो दिन छुट्टियों के बाद सोमवार को फिर जल्दी उठना और काम पर जाना शरीर को प्रभावित करने वाला हो सकता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के शोध के अनुसार सर्केडियन रिदम हृदय की फिजिकल और पैथोलॉजिकल कार्यों को नियंत्रित करती है। इसमें होने वाले बार-बार बदलाव से यह चक्र खराब हो सकता है जिसके कारण गंभीर हृदय रोगों का खतरा रहता है।
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