दो साल में 12 लोग बयानों से पलटे अब आइजी ने खुलवाई फाइल, बयान से पलटने वालों पर दर्ज होगा केस दर्ज…
पेड़ पर लटकी अस्थियां कर रही हैं विसर्जन का इंतजार
मुरैना। लेपा गांव के सामूहिक हत्याकांड में कई हैरान व रोंगटे खड़े करने वाले मामले सामने आते जा रहे हैं। जिस पक्ष ने एक ही परिवार के छह लोगों की गोली मारकर हत्या की थी, उस मुंशीसिंह-धीरसिंह के परिवार ने राजीनामा के नाम पर ऐसा षणयंत्र रचा कि गजेंद्र सिंह तोमर का परिवार समझ ही नहीं पाया। राजीनामा के लिए दो साल के भीतर 12 लोग अपने बयानों से पलट गए, उसके बाद गजेंद्र सिंह से 10 लाख रुपये व एक मकान भी लिया। विवाद खत्म होने के झांसे में गजेंद्र सिंह जैसे परिवार को लेकर गांव लौटा, तभी विरोधी पक्ष ने गोलियां बरसाकर छह लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
राजीनामा के लिए हो चुकी हैं कई बार बैठकें
दो बेटे, तीन बहुओं के साथ मारे गए गजेंद्र सिंह तोमर के छोटे भाई रघुराज सिंह ने बताया कि, दोंनों पक्षों के खास रिश्तेदार व समाज के कुछ प्रभावशाली लोगों के सामने राजीनामा के लिए पोरसा में कई बार बैठक हुई। उस बैठक में धीरसिंह के अलावा 2013 में मारे गए सोवरन सिंह व वीरभान के बेटे अजीत, भूपेंद्र, सोनू सिंह तक मान गए थे हमसे जुर्माने के लिए रुपये व मकान की मांग रखी वह भी मान ली वह पक्का होने के बाद बीते दो साल में मुंशी सिंह पक्ष के 12 लोग कोर्ट में बयान बदल गए थे, इससे तय हो गया था कि इस केस में किसी को सजा नहीं होगी, दोनों पक्षों में राजीनामा भी हो गया था। इसी विश्वास पर पूरा परिवार गांव में लौटा था। लेकिन यहां आकर पता चला कि धोखा हो गया, कुछ कर या समझ पाते उससे पहले की मेरे आगे परिवार के आठ लोगों को गोली मार दी, जिसमें छह की मौत हो गई।
आइजी ने खुलवाई फाइल, बयान पलटने पर दर्ज होगा केस
गौरतलब है, कि लेपा गांव में स्कूल के पास 10 बिस्वा जमीन है, जिसे लेकर दोनों पक्षों में 2013 में खूनी संघर्ष हुआ। 20 अक्टूबर 2013 को मुंशीसिंह तोमर के दो बेटे वीरभान एवं सोवरन सिंह तोमर की इसी जगह हत्या हुई थी, यहां पांच मई को गजेंद्र सिंह के परिवार के छह लोगों की हत्या की गई है। 2013 में हुई दो भाईयों की हत्या के मामले में गजेंद्र सिंह के बेटे वीरेंद्र के अलावा रंजीत सिंह तोमर, अविनाश उर्फ करू सिंह, हिम्मत सिंह उर्फ बड़े लला पर हत्या का केस दर्ज हुआ था। इसमें 15 से 16 लोग गवाह हैं, जिसमें 12 लोगों के बयान पलटने का दावा किया जा रहा है। बयान पलटने के मामले को चंबल रेंज आइजी सुशांत सक्सेना ने गंभीर मामला माना है और मुरैना एसपी शैलेंद्र सिंह निर्देश दिए हैं कि वह 2013 के मर्डर केस की पूरी जांच करें। पहले कौन-कौन हत्या का गवाह बना, और किस कारण कोर्ट में बयान पलटे गए। आइजी ने कहा है कि मकान व रुपये लेकर बयान बदलने की बात जांच में आती तो बयान बदलने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।
पेड़ पर लटकी अस्थियां, विसर्जन का इंतजार
पांच मई को गजेंद्र सिंह उसके दो बेटे संजू सिंह, सत्यप्रकाश तोमर, बहू केशकली, बबली और मधू की हत्या हुई थी और भारी विरोध व हंगामे के बीच छह मई को सभी छह शवों का अंतिम संस्कार हुआ था। इसके बाद की जो रस्में हैं वह गजेंद्र सिंह का डरा हुआ परिवार नहीं कर पा रहा है। सभी छह मृतकों की अस्थियों को अलग-अलग मिट्टी के बर्तन भरकर एक साफी में बांध दिया गया और इस साफी को घर के आंगन में लगे नींम के पेड़ से बांध दिया है। मृतकों के स्वजन सुनील सिंह ने बताया कि अंतिम संस्कार के तीसरे दिन ही अस्थि विसर्जन होना था, लेकिन परिवार के एक-दो लोगों को भेजने में डर लग रहा है। कुछ रिश्तेदारों के साथ ग्वालियर से गाड़ी मंगलवाई है, संभवत: कल या परसों अस्थियों को विसर्जन के लिए गंगाजी ले जाएंगे।
0 Comments