ग्वालियर पूर्व बिधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस स्ट्रांग नजर आती है !
पूर्व मंत्री माया सिंह और अनूप मिश्रा सहित भाजपा में आधा दर्जन दावेदार
ग्वालियर l ग्वालियर पूर्व बिधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री द्वय माया सिंह और अनूप मिश्रा ने नेतृत्व किया ,यह बात अलग है कि बहुत कम मार्जन से दोनों चुनाव जीते और दोनों बार कांग्रेस के मुन्नालाल गोयल चुनाव हारे . बैसे गोयल पांच बार चुनाव लड़े और चार बार हार झेलना पड़ी .एक चुनाव २०१८ का जीते तो सिर्फ १३ महीने एम् एल ए रह पाए .कांग्रेस के बिधायकों ने बगावत कर कांग्रेस कि सरकार को गिरा दिया , जिसमें गोयल भी शामिल थे .समाजबादी बिचारधारा से ओतप्रोत गोयल ने पहला चुनाव मुरार बिधासभा से सपा के टिकिट पर लड़ा था और भाजपा के ध्यानेन्द्र सिंह मामा से चुनाव हार गए थे .
इसके बाद गोयल ने कांग्रेस का दामन थामा और वर्ष २००८ व् २०१३ में ग्वालियर पूर्व से चुनाव लड़ा और क्रमश अनूप मिश्रा और माया सिंह के सामने चुनाव हारे . वर्ष २०१८ में भाजपा ने माया सिंह का टिकिट काटकर डॉ. सतीश सिकरवार को टिकिट दिया .कांग्रेस ने फिर तीसरी बार गोयल को टिकिट दिया और गोयल ने इस बार भाजपा को हराकर जीत दर्ज की . कमलनाथ सरकार से कांग्रेस के दो दर्जन कांग्रेस बिधायकों ने बग़ावत कर सरकार को गिरा दिया और १३ माह के विधायक गोयल ने कांग्रेस से नाता तोड़ भाजपा की सदस्य्ता ग्रहण की . कांग्रेस की इस उथल -पुथल के बीच भाजपा नेता डॉ. सतीश सिकरवार बड़ा कदम उठाते हुए भाजपा छोड़ दी और कमलनाथ की मौजूदगी में तमाम समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्य्ता ग्रहण करली . यहां दाल ,बदल दोनों तरफ हुआ और फिर उपचुनांव में डॉ .सिकरवार और गोयल का मुकावला हुआ ,जिसमे गोयल को हार का सामना करना पड़ा .
पति -पत्नि ने गोयल को हराया : मुन्नालाल गोयल को पहले मामा ध्यानेन्द्र सिंह ने और फिर मामी माया सिंह ने चुनाव हराया .यह भी एक संयोग रहा की एक ही व्यक्ति को पति -पत्नि ने चुनाव हराकर रिकॉर्ड बनाया .गोयल पांच चुनाव लड़े ,चार हारे और एक जीते .पूर्व में भाजपा के यह हैं दावेदार :वर्ष २०२३ में होने बाले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कई नेता ताल ठोकर मैदान में आ गए हैं और टिकिट की दावेदारी कर रहे हैं .खास बात यह है कि टिकिट के दावेदारों की फेहरिश्त में गोयल भी हैं ,इनके अलावा जय सिंह कुशवाह ,देवेंद्र सिंह तोमर रामू, पीतांवर सिंह ,रामेश्वर सिंह भदौरिया और सुरेंद्र शर्मा सरपंच के नाम चर्चा में हैं .
चुनाव नतीजे एक नजर में
- वर्ष २००८ के बिधानसभा चुनाव में भाजपा के अनूप मिश्रा ने कांग्रेस के मुन्नालाल गोयल को १५३८ वोट के अंतर से चुनाव हराया था .मिश्रा को ३७हजार १०५ और गोयल को ३५ हजार ५६७ वोट मिले थे ,जबकि बसपा के ब्रजेश शर्मा को १४ हजार ९६८ वोट मिले थे .इनका वोट प्रतिशत क्रमश ४०, ३९ और १६ रहा था .
- वर्ष २०१३ में कांग्रेस और भाजपा में कांटे का मुकाबला हुआ दोनों के वोट प्रतिशत में कोई अंतर् नहीं था .दोनों को ४२ प्रतिशत वोट मिले थे ,हांलाकि गोयल ११४७ वोट के अंतर से चुनाव हार गए थे .भाजपा उम्मीदवार माया सिंह को ५९ हजार ८२४ और गोयल को ५८ हजार ६७७ वोट मिले थे . जबकि बसपा के आनंद शर्मा को १७ हजार ९६९ वोट मिले थे .बसपा का वोट प्रतिशत १३ रहा था .
- वर्ष २०१८ के बिधान सभा चुनाव में कांग्रेस के मुन्नालाल गोयल ने भाजपा के डॉ .सतीश सिकरवार को १७ हजार ८१९ मतों के अंतर से चुनाव हराया था. गोयल को ९० हजार १३३ और डॉ .सिकरवार को ७२ हजार ३१४ वोट मिले थे .जबकि बसपा के भूरे सिंह मात्र ५४४६ वोट में सिमट कर रह गए थे .इनका वोट प्रतिशत क्रमश ५२ , ४२ और ३ रहा था . रहा था . २०२० में हुए उपचाव में दोनों प्रत्याशी दल -बदलकर आमने सामने आये और कांग्रेस के डॉ .सतीश सिकरवार ने मुन्नालाल गोयल को ८ हजार ५५५ वोट के अंतर से चुनाव हरा दिया .डॉ . सिकरवार को ७५ हजार ३४२ और गोयल को ६६ हजार ७८७ वोट मिले थे .बहीं बसपा के महेश बघेल को ५६७२ वोट मिले थे .इनका वोट प्रतिशत क्रमश ४९. ६९ ,४४.९ और ३.७४ रहा था.
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