शासन एंव परिषद से आउटसोर्स पर कर्मचारी रखने की मिली थी स्वीकृति !
स्वीकृति सिर्फ 939 सफाई कर्मचारी रखने की दी गई थी जबकि रख लिए 1882 वह भी विना वर्क ऑर्डर
ग्वालियर l आउटसोर्स भर्ती घोटाला सही मायने में दिसम्बर 2016 से शुरु होता है सूत्रों की माने तो शासन एंव परिषद से आउटसोर्स पर कर्मचारी रखने की स्वीकृति सिर्फ939 सफाई कर्मचारी रखने की दी गई थी जबकि 1882कर्मचारी विना वर्क आडर के बिना नियुक्ति पत्र के बिना योग्यता के अपात्र कर्मचारी रखे गये तीन कंपनियों के द्वारा दिसंबर 2016मे राज सिक्योरिटी सेंगर सिक्योरिटी ग्लोबल सिक्योरिटी के द्वारा दिनांक 01/04/2018से सिंगल कंपनी राजसिक्योरिटी के द्वारा कर्मचारी रखे गये है इसमे से लगभग 1351कर्मचारी फर्जी रखकर सेलरी निकाली गई है एंव समय समय पर ओर फर्जी कर्मचारियों को रखकर सेलरी निकाली गई है l
नगर निगम में विना वर्क आडर विना नियुक्ति पत्र के बिना सक्षम स्वीकृति के कर्मचारी रखे गये है सिर्फ हाजरी प्रमाणीकरण के नाम फर्जी सेलरी निकाली गई है l जिसका खुलासा ईपीएफ आयुक्त के द्वारा उजागर किया गया है पत्र के द्वारा जिस पत्र में स्पष्ट लिखा हुआ है कि नगर निगम में सिर्फ 531कर्मचारी कार्यरत है जिनका ईपीएफ इ एस आई का पेसा सिर्फ 50लाख रुपये अप्रैल से नम्मवर 2018तक चालान दिनांक 05/07/2019को जमा किया गया है जबकि 2018से2021तक नगर निगम में आउटसोर्स कर्मचारियों की संख्या लगभग 2600कर्मचारी काम कर रहे थे जिनकी सेलरी निकाली जा रही थी लेकिन इस पुरे घोटाले को स्वयंसेवक अधिकारी कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश जिला ग्वालियर के द्वारा उजागर किया गया तब जाकर अधिकारियों के द्वारा आनन फनान में लगभग 300कर्मचारियो को निकाला गया था l
इनमे अधिकतर ऐसे कर्मचारी थे जिनके नाम पर सिर्फ फर्जी प्रमाणीकरण के आधार पर सेलरी निकाली जाती रही है यदि किसी भी जांच समिति को जांच करना है तो लेखा विभाग से हाजरी प्रमाणीकरण एंव विल निकालकर जांच करने पर पता चलेगा कि कितने कर्मचारी फर्जी है दुध का दुध पानी का पानी हो जायेगा आप कल्पना भी नहीं कर सकते की नगर निगम ग्वालियर में मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा आउटसोर्स भर्ती घोटाला एंव फर्जी सेलरी करोड़ों रुपये की निकाली गई है यहा पेसा जनता का है इस पेसे को सिर्फ फर्जी प्रमाणीकरण के आधार पर कंपनी के साथ सांठ-गांठ करके निकाला गया है l
तमाम ऐसे कर्मचारी रखे गये है कम्प्यूटर आपरेटरो के नाम पर कुशल की सेलरी निकाली जाती रही है जिनके पास योग्यता नही होते हुए भी कुशल की सेलरी दी गई है निगम खजाने को लगभग 200 करोड रुपये की आर्थिक हानि पहुचाई गई है इसलिए ग्वालियर नगर निगम सफाई स्वच्छता अभियान में नम्बर वन क्यो नही आया है इसलिए नही आया है क्योंकि घर पर वेठकर फर्जी कर्मचारियों के नाम पर सेलरी निकाली जा रही है l सिर्फ आंकड़ो में नगर निगम में आउटसोर्स पर लगभग 3000हजार कर्मचारी रखे हुए है अच्छा इसमे एक ओर बडा घोटाला केसे कर रहे है l सूत्रों के अनुसार उसे भी एक संगठन उजागर करने जा रहा है इस पुरे मामले को एस आई टी से जांच कराने के लिए माननीय उच्च न्यायालय से आदेश होते ही सारे दस्तावेज ये संगठन एस आई टी को सोपेगा l संगठन के अनुसार एक कर्मचारी के द्वारा शपथपत्र में बताया गया है कि हमसे रखने के नाम पर लगभग 45-45हजार रुपये रखने के नाम पर लिये गये है l
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