G News 24 :हाईकोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों ने वापस ली हड़ताल

 अब सामूहिक इस्तीफे की तैयारी !

हाईकोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों ने वापस ली हड़ताल

मध्यप्रदेश मे हाईकोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली है। डॉक्टरों ने काम पर लौटने का फैसला लिया है। मप्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने इसकी पुष्टी की है। उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश का हम सम्मान करते हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि डॉक्टरों ने हड़ताल तो खत्म कर दी है, परन्तु उनका आंदोलन जारी रहेगा। डॉक्टर अब सामूहिक इस्तीफे की तैयारी कर रहे हैं। गुरुवार सुबह डॉक्टरों के संगठन बैठक करेंगे। इसके बाद इस्तीफे के बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा।

इससे पहले बुधवार को डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई। क्योंकि प्रदेश के करीब 15 हजार सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इस दौरान ग्वालियर में समय पर इलाज नहीं मिलने पर एक मरीज की मौत हो गई। इधर सरकार शाम तक वैकल्पिक व्यवस्था में जुटी रही। साथ ही हड़ताली डॉक्टरों को मनाने की कोशिश भी होती रही। वहीं हाईकोर्ट ने हड़ताल पर सख्त रुख अपनाया और डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध बताते हुए तत्काल काम पर लौटने का आदेश दिया। जिसके बाद बुधवार रात डॉक्टरों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला किया।

हाईकोर्ट ने हड़ताल को बताया अवैध

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध ठहराया। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हड़ताल पर बैठे सभी डॉक्टर तत्काल काम पर लौटे। डॉक्टर अस्पताल में मौजूद अंतिम मरीज का भी इलाज करें। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि आगे से बिना अनुमति हड़ताल नहीं करें। भविष्य में टोकन स्ट्राइक को भी हाईकोर्ट ने अवैध बताया। याचिका जबलपुर के पूर्व पार्षद इंद्रजीत कुंवर पाल सिंह ने लगाई थी। जिस पर चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई।

पहले बोले थे पीछे नहीं हटेंगे कोर्ट की फटकार के बाद  रात में हड़ताल वापस

डॉक्टरों ने बुधवार सुबह हड़ताल शुरू की थी, शाम तक अपनी मांगों पर अड़े रहे। मप्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने कहा था कि पिछले 10 साल से अपने मुद्दों और परेशानियों को लेकर सरकार के पास जा रहे हैं। कभी-कभी तो सरकार के प्रतिनिधि वर्षों तक बात नहीं करते। जब हम आंदोलन करते हैं, तो वो बात करते हैं। हड़ताल खत्म कराने के लिए हर बार आश्वासन का झुनझुना पकड़ा देते हैं। आज फिर से डॉक्टर्स एकजुट हुए हैं। उद्देश्य यही है कि जब तक मांगों को लेकर आदेश जारी नहीं हो जाते, तब तक पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश पर उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश के संबंध में संगठन पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई गई है। इसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया।

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