फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में…
तीन सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद आपरेटर बर्खास्त, लोकसेवा प्रबंधक पर जुर्माना
ग्वालियर। फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में तीन सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद शुक्रवार को कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कार्रवाई करते हुए आपरेटर को बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए। वहीं लोक सेवा प्रबंधक अमित शिरोमणि जिनके डोंगल से जाति प्रमाण पत्र टेस्टिंग के तौर पर निकालना बताया गया था उनपर 250 रुपये का जुर्माना लगाया है। आपरेटर राहुल मीणा शिक्षा विभाग से यहां प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहा था। वहीं इस मामले में मांझी समाज के 90 प्रमाण पत्रों को संदेह में लिया गया है जिनकी जांच जारी है। इसमें कुछ लोगो ने शुक्रवार को अपना पक्ष रखा।
एसडीएम सीबी प्रसाद ने सुनवाई की। यहां यह बता दें कि कलेक्ट्रेट में कबीर मांझी नाम के व्यक्ति का अनुसूचित जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था। यह दो अधिकारियों के नाम व पद से जारी कर दिया गया था। यह प्रमाण पत्र सामने आने के बाद हड़कंप मच गया और इसके बाद जांच पड़ताल शुरू हुई। इस मामले में मांझी समाज ने भी एडीएम को ज्ञापन सौंपा था और आपत्ति जताई थ कि मांझी समाज को लेकर षडयंत्र किया जारहा है कि वह एसटी वर्ग में आता है जिसे प्रशासन की आेर से ओबीसी बताया गया।
कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील ग्वालियर से कबीर पुत्र मनोज कुमार मांझी माता अर्चना मांझी का अनुसूचित जनजाति वर्ग का प्रमाण पत्र 30 अप्रैल 2023 को जारी हुआ। दोनों का कमांक भी अलग-अलग है। पहला सुरेश सिंह यादव अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से जारी हुआ और दूसरा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रदीप शर्मा के नाम व हस्ताक्षर से जारी हुआ। दोनों में एक जैसे हस्ताक्षर हैं। इस मामले में एडीएम ने एसडीएम लश्कर विनोद सिंह, लोक सेवा प्रबंधक अमित शिरोमणि, ई-गर्वेनेंस मैनेजर आशीष जैन सहित चार लोगों की कमेटी जांच के लिए बनाई, जिसने जांच कर रिपोर्ट दी। इस मामले में एक कम्प्यूटर आपरेटर राहुल संदेह के घेरे में आया और बाद में पता चला राहुल ने ही टेस्टिंग के लिए दो प्रमाण पत्र जारी किए थे और अधिकारी के डोंगल का दुरुपयोग किया गया।
ढाई सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया है फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में आपरेटर को बर्खास्त कर दिया गया है और लोक सेवा प्रबंधक पर ढाई सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। डोंगल से आपरेटर ने टेस्ट करने के लिए दो प्रमाण पत्र जारी किए थे।
-एचबी शर्मा, एडीएम
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