सुबह अचानक सीएम से मिलने पहुंचे भोपाल...
अनूप मिश्रा ने दक्षिण से ठोकी ताल !
ग्वालियर। पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा अपने तल्ख बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने पर अनूप मिश्रा ने यह कहकर अपना दर्द बयां किया कि कई नेता अंदर-अंदर ही घुट रहे हैं, संगठन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसके साथ ही उन्होंने ऐलान भी कर दिया कि वे दक्षिण विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। अनूप के इन तेवरों को संगठन ने गंभीरता से लिया है।
इस बयानबाजी के बीच अचानक अनूप मिश्रा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए शनिवार को भोपाल पहुंच गए। माना जा रहा है कि इस बयान के बाद उन्हें चर्चा के लिए बुलाया गया है। राजनीतिक परिस्थितियों का लाभ लेने के लिए कांग्रेस ने भी अनूप मिश्रा को खुला आफर दिया है कि अगर उन्हें भी पार्टी में घुटन महसूस हो रही है तो उनके लिए भी कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं। संगठन में पूछ-परख नहीं होने कारण लंबे समय से अनूप मिश्रा नाराज चल रहे हैं।
एक समय था जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे की संगठन व सत्ता में तूती बोलती थी। भितरवार विधानसभा क्षेत्र से दो बार पराजित होने के बाद उन्हें नए विधानसभा क्षेत्र की तलाश है। उन्होंने मीडिया के माध्यम अपने तेवरों के साथ संगठन को आगाह कर दिया है कि वे दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। अपनी इच्छा जाहिर करने के साथ यह भी जोड़ा है कि उन्हें कहां से चुनाव लड़ना है इसका फैसला संगठन करेगा।
दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से ही विधायक रहे नारायण सिंह कुशवाह ने पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा के दक्षिण से चुनाव लड़ने का एेलान करने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, यह संगठन तय करता है। बाकायदा इसके लिए समितियां गठित की जाती हैं। पूरा आकलन किया जाता है। इस तरह की घोषणा से क्या पार्टी को नुकसान होगा के सवाल के जवाब में उनका कहना था कि यह बात अनूप मिश्रा को अवश्य स्वयं सोचनी व समझनी चाहिए --पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह
प्रवीण पाठक , कांग्रेस विधायक दक्षिण विधानसभा क्षेत्र मैं राजनीति में सेवा के लिए हूं और वो निरंतर करता रहूंगा। किसी के चुनाव लड़ने व नहीं लड़ने से मुझे फर्क नहीं पड़ता है। जिनको सत्ता की हवस है। उन्हें इससे फर्क पड़ता होगा। अनूप मिश्रा के लिए इतना अवश्य कहूंगा। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे हैं और उनके नाम पर राजनीति करते हैं। उन्हें उनके पद का अनुशरण करना चाहिए। इतनी जल्दी विचलित नहीं होना चाहिए। उन्हें अटलजी को इन पंक्तियों का स्मरण करना चाहिए।क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं संघर्ष के पथ पर जो भी मिला, यह भी सही, वो भी सही है -प्रवीण पाठक, कांग्रेस विधायक
अचानक भोपाल पहुंचे अनूप
शनिवार की सुबह अनूप मिश्रा अचानक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात करने भोपाल रवाना हो गए। उनके आफिस ने अनूप मिश्रा के भोपाल जाने की पुष्टि तो की है। किंतु किस लिए गए हैं, इस बात से अनभिज्ञता जताई है l
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