मप्र भाजपा की राह आसान नहीं...
MP में बदल रही सियासी हवा ? जमीनी फीडबैक से उड़ी BJP के दिग्गजों की नींद !
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव इसी साल होने हैं. सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं.इस बीच, मध्य प्रदेश से बीजेपी के लिए जो खबर आई है वो पार्टी के दिग्गज नेताओं के लिए चौंकाने वाली है. विधानसभा चुनाव से पहले एमपी में बीजेपी संगठन को जो जमीन फीडबैक मिल रहा है वो पार्टी के नेताओं की नींद उड़ाने वाला है. यह एमपी में तमाम वरिष्ठ नेताओं के लिए अच्छा नहीं कहा जा रहा है. इसके अलावा बीजेपी के कर्नाटक और गुजरात के फार्मूले ने टिकट के दावेदारों की चिंता को और बढ़ा दिया है. जान लीजिए कि बीजेपी 2018 चुनाव के नतीजों के कारण अलर्ट मोड पर है. इसीलिए बीजेपी आगामी चुनाव में कोई भी गलती नहीं करना चाहती है. आइए जानते हैं कि क्या फीडबैक बीजेपी संगठन को मध्य प्रदेश में मिला है.
जमीनी रिपोर्ट ने उड़ाई नींद!
जान लें कि बीजेपी संगठन को जमीनी रिपोर्ट मिल रही है कि अभी अगर चुनाव हों तो पार्टी के लिए बहुमत पाना आसान नहीं होगा. विधायकों और सरकार के खिलाफ लोगों में नाखुशी है. इसके कम करने के लिए कुछ कड़े फैसले लेने की जरूरत है. इस जमीनी रिपोर्ट के मिलने के बाद सत्ता और संगठन के तेवर बदले हुए हैं. आरएसएस के अलावा उसके सब्सिडियरी संगठनों के डेलीगेट्स से भी संवाद का दौर जारी है. एमपी सरकार को बड़ी चिंता खेती-किसानी, मजदूर और शिक्षा से जुड़े वर्ग को लेकर है. इसी कारण से हाल ही में आरएसएस के सब्सिडियरी संगठन के डेलीगेट्स और मंत्रियों के साथ सीएम आवास पर पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक हुई.
बीजेपी संगठन ने किया ये फैसला
सूत्रों के मुताबिक, जमीनी रिपोर्ट मिलने के बाद पार्टी संगठन ये फैसला कर चुका है कि आगामी विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक नए चेहरों को मौका दिया जाएगा, क्योंकि काफी संख्या में ऐसे विधायक हैं जिनके खिलाफ जमीनी स्तर पर नाराजगी है. इसके पीछे कि वजह उनका जनता के बीच लगातार सक्रिय नहीं रहना है.
इस रणनीति पर होगा काम
इसको देखते हुए बीजेपी उम्र के फॉर्मूले पर भी काम कर सकती है. इसमें यह तय होगा कि 65 साल से ऊपर के नेताओं को चुनावी पॉलिटिक्स से दूर किया जाए. जान लें कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2018 में 50 से अधिक विधायकों के टिकट काट दिए थे. इनमें कई दिग्गज चेहरे शामिल थे. लेकिन बीजेपी इस बार कर्नाटक और गुजरात के फार्मूले पर और आगे बढ़ने की रणनीति पर काम कर रही है. इसके चलते इस बात की संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी के 127 विधायकों में से करीब आधे के टिकट काटे जा सकते हैं.
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