भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय आवाह्न पर…
26 अप्रैल को मजदूरों, कर्मचारियों का एक दिवसीय धरना
ग्वालियर l भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय आवाह्न पर संपूर्ण देश में,मजदूरों, कर्मचारियों की प्रमुख न्यायोचित मांगों को लेकर दिनांक 26 अप्रैल बुधवार को एक दिवसीय धरना, प्रदर्शन एवं ज्ञापन का कार्यक्रम प्रत्येक राज्य के समस्त जिलों में यह ज्ञापन का कार्यक्रम हो रहा है तथा राष्ट्रीय आह्वाहन पर केंद्र सरकार से अपनी न्यायोचित मांगो के लिए खुले अधिवेशन में चुनोती देते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया है । मध्यप्रदेश के समस्त जिलों में यह कार्यक्रम 26 अप्रैल दिन बुधवार को आयोजित किया जा रहा हैं l
सभी क्षेत्रों में काम करने वाले, भारतीय मजदूर से संबद्ध सभी संगठनों, जिसमें म.प्र. राज्य कर्मचारी संघ,म.प्र. बिजली कर्मचारी संघ , भारतीय रेलवे मजदूर महासंघ,वरिष्ठ नागरिक परिसंघ,म.प्र. संविदा/आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ,म.प्र. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ, स्व सहायता समूह रसोइया संघ, ग्रामीण पंचायत कर्मचारी महासंघ ,वन सुरक्षा श्रमिक, संघ, हाथ ठेला संघ , कंप्यूटर ऑपरेटर,श्रमिक, जनभागीदारी से स्कूल महाविद्यालय में कार्यरत श्रमिक ,प्राइवेट संस्थानों में कार्यरत मजदूर, नगर पालिका के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, नियमित तथा स्थाई ,कर्मचारी भवन सन्निर्माण संघ मण्डी हम्माल सघं केश शिल्पी संघ,एकता, बल के माध्यम से ही सरकार को जगाने का काम करना है सरकार पर दबाव बनाकर हमें अपनी मांगों को पूरा कराने हेतु यह सामूहिक रैली धरना प्रदर्शन एवं ज्ञापन आयोजित किया गया है l
संपूर्ण राष्ट्र के कोने-कोने में सामूहिक रैली धरना प्रदर्शन एवं ज्ञापन के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी के नाम आदरणीय जिलाधीश के माध्यम से ज्ञापन पत्र दिया जाएगा l समस्त जिले के सभी श्रमिक, कर्मचारी पनी मांगे मनवाने के लिए अपने अपने जिलों में विशाल धरना प्रदर्शन ,रैली एवं ज्ञापन के कार्यक्रम 26 अप्रैल बुधवार को करने जा रहे हैं l राज्य और केंद्र की मांग में अंतर है । राज्य स्तरीय मांग राज्य पूरी कर सकते हैं केंद्र स्तरीय मांग केंद्र द्वारा ही पूरी की जा सकती हैं । इसमे सब्से महत्वपूर्ण मांग परमानेंट करने की है।
मजदूरों की प्रमुख मांगें हैं
संपूर्ण राष्ट्र ,संपूर्ण जिलों में मजदूरों को न्यूनतम वेतन के स्थान पर जीविका मजदूरी प्रदान की जावे ,सभीश्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाए, ठेका प्रथा बंद की जावे, मजदूरों पर अत्याचार ,अन्याय, शोषण ,बंद करो ,हर क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा प्रदान की जाए, ठेका प्रथा । आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय श्रम नीति बनाई जाये l
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