G.NEWS 24 : हमारे देश में सरकार के प्रति यदि कोई गलत सूचना सामने आती है तो उस पर ध्या0न दिया जाना चाहिये : चंद्रशेखर

भ्रामक सूचनाओं को लेकर दुनिया हुई जागरूक…

हमारे देश में  सरकार के प्रति यदि कोई गलत सूचना सामने आती है तो उस पर ध्या0न दिया जाना चाहिये : चंद्रशेखर

नईदिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि गलत सूचनाओं, भ्रामक खबरों व अफवाहों के प्रति पूरी दुनिया में जिस प्रकार से जागरूकता आई है, वह तारीफ के योग्यत है। हमारे देश में भी सरकार के प्रति यदि कोई गलत सूचना सामने आती है तो उस पर ध्‍यान दिया जाना चाहिये। ट्विटर पर एक लाइव सत्र के दौरान बोलते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह इंटरनेट यूजर्स की तरफ से उठाई गई मांग नहीं है बल्कि उन सभी मध्यबस्थोंी की भी इच्छाि है जिन्हेंस कि नियमों का पालन करना है। 

गलत सूचना को एक गंभीर खतरे के रूप में पहचानते हुए चंद्रशेखर ने नए नियमों की जरूरत पर जोर दिया जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकार से संबंधित झूठी या भ्रामक सामग्री की पहचान करेगा। उन्हों ने कहा, हमने गलत सूचनाओं के कुछ उदाहरण देखे हैं। 2020 में हमने पाकिस्तानी आईएसआई से जुड़े 1,100 से अधिक सोशल मीडिया खातों को हटा दिया जो भारत और सरकार के खिलाफ गलत दुष्प्र चार कर रहे थे। हाल ही में भटिंडा की घटना के बाद भी हमने सोशल मीडिया पर पाकिस्तान स्थित खातों से सभी प्रकार की चीजों को फैलाने के लिए सोच-समझकर प्रयास किए। मंत्री ने आगे कहा कि सरकार के खिलाफ गलत सूचना को संबोधित करने की जरूरत है और चूंकि भ्रामक जानकारी सरकार से संबंधित है, इसलिए तथ्य-जांच इकाई को सरकार से या सरकार के भीतर जोड़ने की जरूरत है, जिसकी सभी तक पहुंच होगी।

इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि Google, Facebook, Twitter और इंटरनेट सेवा प्रदाता आदि, एक मध्यस्थ के दायरे में आते हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार की तथ्य-जांच इकाई अनिवार्य रूप से गलत सूचनाओं को चिह्नित करेगी। उन्होंने कहा, "इसके अलावा, सरकार ने खुद को नीचे ले जाने के लिए कोई अन्य शक्ति नहीं दी है। मंत्री ने आईटी अधिनियम की धारा 69 पर प्रकाश डाला, जिसके तहत सरकार द्वारा इंटरनेट मध्यस्थों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, वेब होस्टिंग सेवाओं, सर्च इंजन और ऑनलाइन मार्केटप्लेस को ब्लॉदक किए जाने के आदेश जारी किए जा सकते हैं। नए नियमों के तहत, Google, Facebook और Twitter जैसे इंटरनेट यदि सरकार द्वारा अधिसूचित तथ्य-जांचकर्ता द्वारा गलत या भ्रामक जानकारी के रूप में पहचान की गई सामग्री को हटाने में विफल रहते हैं, तो वे अपनी रक्षा खो सकते हैं।

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