अपहरण, मारपीट का लगा आरोप ...
पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक जयवर्धन कानूनी झमेले में फंसे !
ग्वालियर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सुपुत्र व कमलनाथ सरकार मंत्री रहे जयवर्धन सिंह अब मुश्किल में नजर आ रहे हैं। जयवर्धन सिंह अब कानूनी झमेले में फंस गए हैं। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पानीपत के रहने वाले विशंभर लाल अरोड़ा का आवेदन स्वीकार कर राघौगढ़ विधायक एवं पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह को पक्षकार बनाया है।
आवेदनकर्ता ने मजदूर के अपहरण, मारपीट का आरोप लगाया है।
इस मामले की अगली सुनवाई अब कल सुनवाई होगी।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आरके पाठक ने यहां बताया कि उनके मुवक्किल विशंभर लाल अरोड़ा को 2015-16 में गुना के विजयपुर की एनएफएल फैक्ट्री में लेबर सप्लाई का काम मिला था। कुछ लेबर द्वारा लापरवाही बरतने पर उन्हें नौकरी से हटाया गया था।
ये है पूरा मामला !
याचिकाकर्ता विशंभर लाल अरोड़ा के वकील आरके पाठक ने बताया कि साल 2015-16 में गुना के विजयपुर की एनएफएल फैक्ट्री में अरोड़ा को लेबर सप्लाई काम मिला था। कुछ मजदूरों को उन्होंने काम में लापरवाही बरतने पर हटा दिया गया था। उसके बाद विधायक जयवर्धन सिंह के कहने पर उनके कुछ लाेग विशंभर लाल का अपहरण कर उन्हें राघौगढ़ किले में ले गए। यहां विधायक जयवर्धन की मौजूदगी में विशंभर लाल के साथ मारपीट की गई। साथ ही उन्हें धमकाया गया कि वह उनके कहे मुताबिक काम करने के लिए कहा।
बता दें कि मामले में लेबर सप्लायर विशंभर लाल अरोड़ा द्वारा गुना के विजय नगर थाने में रिपोर्ट लिखाई गई लेकिन पुलिस ने विधायक जयवर्धन सिंह को आरोपी नहीं बनाया। इसके खिलाफ विशंभर लाल अरोड़ा ने गुना न्यायालय में आवेदन लगाकर आरोपियों में जयवर्धन सिंह का नाम जोड़ने की गुहार लगाई लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। थक हारकर विशंभर लाल अरोड़ा ने अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। जिस पर कोर्ट ने विधायक को पक्षकार बनाया है।
0 Comments