G News 24:तुलसीदास का साहित्य आज भी प्रत्येक व्यक्ति का मार्गदर्शन करता है : तोमर

 साहित्य परिसर का केंद्रीय मंत्री तोमर और सिंधिया ने किया लोकार्पण...

तुलसीदास का साहित्य आज भी प्रत्येक व्यक्ति का मार्गदर्शन करता है : तोमर

ग्वालियर। गोस्वामी तुलसीदास का साहित्य आज भी प्रमाणिक एवं प्रासंगिक है एवं प्रत्येक व्यक्ति का मार्गदर्शन करता है यह बात केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को मानस भवन में तुलसी मानस प्रतिष्ठान ग्वालियर में गोस्वामी तुलसी दास के जीवन, साहित्य और रामचरित मानस के चुनिंदा अंशों पर आधारित तुलसी साहित्य परिसर शिला पट्टिकाओं के लोकार्पण समारोह में अध्यक्षीय संबोधन देते हुए कही। 

रविवार को वैशाख माह की कृष्ण पक्ष एकादशी पर आयोजित लोकार्पण समारोह महामंडलेश्वर रामदास महाराज दंदरौआधाम और महामंडलेश्वर हरिदास नागाजी महाराज जड़ेरूआ धाम के सानिध्य में हुआ जिसके मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। विशेष अतिथि सांसद विवेक शेजवलकर और महापौर डॉ. शोभा सिकरवार रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्र’वलन से हुआ। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत तुलसी मानस प्रतिष्ठान के अध्यक्ष अभय पापरीकर ने किया। 

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने तुलसी साहित्य परिसर को शहरवासियों के लिए नई सौगात बताया एवं इसके लिए संस्था को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में रामदास महाराज और महामंडलेश्वर हरिदास महाराज ने आर्शीर्वचन देते हुए कहा कि जिन पत्थरों पर राम नाम लिखने से वो पानी पर तैर गए थे उन्हीं पत्थरों पर राम नाम की महिमा को अंकित कर उनका खुला प्रदर्शन स्थायी तुलसी साहित्य पार्क के रूप में किया जा रहा है,ताकि आने वाली पीढ़ी इसे जानती रहे। 

तुलसी मानस प्रतिष्ठान के सचिव महेश मुदगल ने बताया कि इन पट्टिकाओं पर विशेष लाइट की व्यवस्था की गई है ताकि लोग इन्हें रात्रि में भी पढ़ व देख सकें। इसमें गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की प्रमुख चौपाइयों, दोहों हनुमान चालीसा के साथ उनके अन्य साहित्य अन्य सभी साहित्य जैसे विनय पत्रिका, कवितावली को कागज के स्थान पर पत्थरों के ऊपर लिखकर प्रदर्शित किया गया है। ऐसी 30 शिला पट्टिकाएं लगाई गई हैं। ग्वालियर सेंड स्टोन पर तैयार की गई इन शिला पट्टिकाओं पर अंकित सामग्री का चयन मानस मर्मज्ञ रामकृपाल खरे और पं . रामबाबू कटारे ने किया है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा एवं किशन मुदगल भी मंचासीन थे।

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