G News 24 :रक्त से स्लोगन लिखा की मामा जी अपना संकल्प पूर्ण करो !

  NHM संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी की क्रमिक हड़ताल का दसवां दिवस

रक्त से स्लोगन लिखा की मामा जी अपना संकल्प पूर्ण करो !

प्रदेश में अनिश्चित कालीन  क्रमिक भूख हड़ताल  के बीच हमारी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी लाडली बहनों ने अपना रक्त निकालकर कर मामाजी से निवेदन किया की आपके राज में आपके ही किए संकल्प " संविदा व्यस्था अन्याय पूर्ण है, में इसे समाप्त  करने को संकल्पित हूं, को पूर्ण करो और जब तक नियमित नही करते तब तक 2018 की नीति लागू की जाए  l 

ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि अपनी मांगों को लेकर जिले के संविदा स्वास्थ्य अधिकारी, कर्मचारी निश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल में होने के कारण 33 डिलिवरी प्वाइंट बंद, 201 उप स्वास्थ्य केंद्रों के नहीं खुले ताले, टीकाकरण और जांचे बंद इसके चलते शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई है। 18 अप्रैल से शुरू हुई इस हडताल के कारण ग्रामीण क्षेत्र में संचालित डिलिवरी प्वाइंट और उप स्वास्थ्य केन्द्रों के ताले ही नहीं खुल पा रहे है। शहर में भी टीकाकरण, टीबी के नए मरीजों की जांच सहित कई स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित बनी हुई है। 

अनिश्चित कालीन और क्रमिक भूख हड़ताल

 हडताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर असर अभी से दिखने लगा है। बता दें कि हडताल के कारण न तो डिलिवरी पॉइंट पर कर्मचारि है न ही उप स्वास्थ्य केंद्र पर क्रमचारी l  केंद्रों के नहीं खुलने से बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण प्रभावित 

है l  

अपनी मांगों को लेकर एनएचएम संविदा स्वास्थ्यकर्मी पिछले १० दिनों से, मोर्चा खोलकर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि 15 दिसंबर 2022 से 5 जनवरी 2023 तक 20 दिन चली हड़ताल के दौरान शासन के द्वारा हमारी न्यायोचित मांगो को पूरा करने संबंधी आश्वासन दिया गया था। लेकिन आज तक शासन के द्वारा हमारी मांगो को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है। 90 प्रतिशत नीति की फाइल लंबित है। जिसको आज दिनांक तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। ऐसी स्थिति में फिर से हड़ताल पर बैठने को मजबूर होना पड़ा है। आगामी दिनों में विभिन्न तरीको से सरकार के समक्ष मांगों के लिए आवाज जोरदारी के साथ उठाई गई लेकिन कोई भी परिणाम नहीं निकला l विगत शासन प्रशासन ने अभी तक कोई सूद नही ली तो आमरण अनशन पर अपनी जायज मांगों को लेकर भोपाल बैठेंगे l इनकी प्रमुख मांगें हैं l 

  • 1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। जब तक नियमितीकरण नहीं हो जाता, तब तक 5 जून 2018 की नीति शासन समान्य प्रशासन द्वारा पारित नीति तत्काल प्रभाव से लागू की जाए।
  • 2.आउटसोर्स प्रथा में किए गए सपोर्ट स्टाफ का समायोजन किया जाए और निष्कासित साथियों की वापसी की एवं पहले की गई अनिश्चित हडताल के कारण भोपाल में जिन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए है, उन्हें तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।

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