राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है...
सीबीआई जांच के घेरे में केजरीवाल सहित आठ मुख्यमंत्री आ चुके हैं
नई दिल्ली। राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। कौन किसका दोस्त और शत्रु बन जाता है कहा नहीं जा सकता। यह सब देश काल और परिस्थिति पर निर्भर करता है। यही स्थिति जननेताओं की है। भरपूर मत व समर्थन के बावजूद भी सरकार चलाने वाले जनप्रतिनिधि कभी-कभी ऐसी चूक कर जाते हैं कि उन्हें सीबीआई के समक्ष हाजरी देनी पड़ जाती है। कई बार यह राजनीति से प्रेरित होती है तो कई बार भ्रष्टाचार का मामला होता है।
गौरतलब है कि बीते तीन दशकों में सीबीआई के समक्ष पेश होने वाले मुख्यमंत्रियों में उत्तर प्रदेश के नेताओं की संख्या सर्वाधिक है। सूची में उत्तर प्रदेश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने अखिलेश यादव सहित अन्य तीन मुख्यमंत्रियों में उनके पिता और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष रहे मुलायम सिंह यादव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व कद्दावर नेता कल्याण सिंह शामिल हैं।
इसके अलावा चारा घोटाले में बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस सूची में शामिल हो गए। हाल ही में कथित शराब नीति मामले में सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया।
सीबीआई ने लगभग साढे 9 घंटे तक उनसे पूछताछ की। गौरतलब है कि केजरीवाल के नेतृत्व में फरवरी 2015 के चुनावों में उनकी पार्टी ने 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया और 14 फरवरी 2015 को वह दोबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। 16 फरवरी 2020 से वे तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं। उल्लेखनीय है कि शराब नीति में कथित फेरबदल को लेकर आप पार्टी के नेता व दिल्ली सरकार के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले से ही जेल में है।
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