24 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई...
पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर फिर फंसा पेंच
भोपाल। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पिछड़ा वर्ग आरक्षण मामले में डेली सुनवाई के आदेश के बाद अब एक बार फिर पेंच फंस गया है। न्यायालय में पिछड़ा वर्ग आरक्षण 27 फीसदी किए जाने से संबंधित 64 याचिकाओं की सुनवाई हो रही है, जिसके लिए 2 जजों की नई बेंच गठित की गई है।
दरअसल प्रदेश में पिछड़ा वर्ग आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने से संबंधित 64 याचिकाओं की सुनवाई में फिर पेंच फंस गया है। याचिकाओं की सुनवाई करते हुए गत दिवस उच्च न्यायालय न्यायाधीश शील नागू तथा न्यायाधीश डी डी बसंल की युगलपीठ ने डे-टू-डे सुनवाई के निर्देश दिए थे। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मिलकर अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि उक्त बेंच ने पूर्व में सुनवाई से इंकार कर दिया था। जिसके बाद सुनवाई के लिए विशेष बेंच गठित की गई थी। मुख्य न्यायाधीश ने इस संबंध में उच्च न्यायालय रजिस्टार के समक्ष आवेदन पेश करने निर्देश दिए हैं। याचिकाओं पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को निर्धारित की गयी है।
प्रदेश में 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण किए जाने के खिलाफ व पक्ष में 64 याचिकाएं दायर की गई थी। याचिकाओं की सुनवाई के लिए विशेष बैंच के सदस्य न्यायाधीश वीरेंन्द्र सिंह सेवानिवृत्त हो गये है। जिसके कारण न्यायाधीश शील नागू तथा न्यायाधीश डी डी बसंल की युगलपीठ ने मंगलवार को याचिकाओं पर सुनवाई की थी। युगलपीठ ने सुनवाई के पाया था कि सर्वाेच्च न्यायालय में प्रदेश सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के कानून को चुनौती नहीं दी गयी है। सर्वाेच्च न्यायालय में लंबित याचिकाएं साल 2003 में पिछड़ा वर्ग आरक्षण के संबंध दायर नोटिफिकेशन से संबंधित है। युगलपीठ का अभिमत था कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण के संबंध में सर्वाेच्च न्यायालय में लंबित प्रकरणों के निराकरण की आवश्यकता नहीं है।
सर्वाेच्च न्यायालय में लंबित याचिका में पिछड़ा वर्ग आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने के कानून की वैधता को चुनौती नहीं दी गई है। याचिकाओं पर डे-टू-डे सुनवाई के निर्देश दिए थे। शासन द्वारा नियुक्त विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने बताया कि बुधवार को पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एकता मंच की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता उदय कुमार ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात कर बताया कि पिछड़ा वर्ग प्रकरणों की सुनवाई के लिए विशेष बेंच गठित नहीं की गई है। याचिकाओं की गत दिवस न्यायाधीश शील नागू तथा न्यायाधीश डीडी बसंल की युगलपीठ द्वारा सुनवाई की गई। उक्त युगलपीठ 16 अगस्त 2022 को आदेश पारित किया था कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण के संबंध में सुनवाई करने का क्षेत्राधिकार उनके पास नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ने इस संबंध में उच्च न्यायालय रजिस्ट्रार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए थे। मुख्य न्यायाधीश के निर्देशानुसार आवेदन दायर कर दिया गया है। याचिकाओं पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को निर्धारित की गयी है।
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