मुस्लिम युवाओं को दी जाती थी हिंदू नेताओं की हत्या करने की ट्रेनिंग !
PFI जैसे संगठनों का 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने का था लक्ष्य !
नई दिल्ली । पिछले साल सितंबर के महीने में देशभर में NIA और अलग अलग राज्य की पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापेमारी कर 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की थी। महाराष्ट्र के पीएफआई के हेडक्वार्टर पुणे में भी एनआईए और महाराष्ट्र ATS ने छापेमारी की थी। पुणे में छापेमारी कोंढवा इलाके में केजेड एजुकेशनल सोसाइटी नाम की बिल्डिंग में की गई थी। तब एनआईए ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था व केजेड एजुकेशनल सोसाइटी के चौथे और पांचवें मंजिल में चल रहे पीएफआई के दफ्तर से कई कागजात बरामद किए थे।
NIA ने केजेड एजुकेशनल सोसाइटी के चौथे मंजिलें के गेट पर जो अटैचमेंट ऑर्डर चिपकाया है उसमें साफ लिखा है कि यहां पर मुस्लिम युवाओं को हिंदू नेताओं की हत्या करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। अटैचमेंट ऑर्डर में यह भी लिखा है कि पहले युवाओं को भड़काऊ भाषणों के जरिए कट्टर बनाया जाता है उसके बाद उन्हें पीएफआई का सदस्य बनाया जाता था। जब मुस्लिम युवा पीएफआई का सदस्य बन जाता था तब उसे पीएफआई के दफ्तर में आने की इजाजत होती थी। यहां आने पर मुस्लिम युवाओं को हसुआ, चाकू, तलवार और लोहे की छड़ से कैसे हिंदू नेताओं पर हमला कर उनकी जान ली जा सकती है वह सिखाया जाता था।
2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने का था लक्ष्य
एनआईए के मुताबिक उन कागजातों से पता चला कि पीएफआई 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाना चाहता था। इस्लामिक देश बनाने के लिए पीएफआई पुणे केजेड एजुकेशन सोसाइटी के चौथे और पांचवे मंजिल पर मुस्लिम युवाओं को देश विरोधी गतिविधियों में प्रशिक्षित कर रहा था। एनआईए ने 16 अप्रैल 2023 को केजेड एजुकेशनल सोसाइटी के चौथे और पांचवें मंजिल को अटैच कर दिया है। इसका मतलब ये कि इन दो फ्लोर्स को बिना एनआईए या फिर कोर्ट की परमिशन के ना किराए पर दिया जा सकता है और ना ही बेचा जा सकता है।
टारगेट पर थे हिंदू नेता और संगठन
एनआईए ने अपने ऑर्डर ऑफ अटैचमेंट में यह भी लिखा है कि इनके टारगेट पर वो हिंदू नेता और संगठन थे जिनसे पीएफआई को लगता था कि यह नेता या संगठन भारत को इस्लामिक देश नहीं बनने देंगे। यह भी लिखा है कि यहां आने वाले मुस्लिम युवाओं को देश की शांति, एकता और अखंडता को भंग करने के लिए हिंसक जिहाद के तरफ मोड़ने के लिए उकसाया जाता था। ऑर्डर में यह भी लिखा है कि मुस्लिम युवाओं को सरकार की नीतियों को गलत तरीके से पेश करके यह बताया जाता था कि यह कैसे ये नीतियां मुसलमानों के खिलाफ है।
किसी से ज्यादा बात नहीं करते थे यहां आने वाले लोग
केजेड एजुकेशनल सोसायटी पांच मंजिला इमारत है। ग्राउंड फ्लोर और पहले फ्लोर पर उर्दू मीडियम स्कूल चलता है। वहीं, दूसरे और तीसरे मंजिलें पर बच्चों के लिए इंग्लिश स्कूल चलाया जाता है। चौथी और पांचवीं मंजिल पिछले 4 से 5 सालों से डिग्निटी एजुकेशन ट्रस्ट को लीज पर दी गई था जहां पीएफआई ने अपना दफ्तर खोल लिया था। उर्दू स्कूल को चलाने और पढ़ाने वाले शिक्षक हो या फिर दूसरे और तीसरे मंजिल पर चलने वाले स्कूल के शिक्षक या फिर इमारत के ग्राउंड फ्लोर में दुकान चलाने वाला शख्स सब का यही कहना था कि चौथी और पांचवीं मंजिलों पर क्या होता था किसी को इस बात का इल्म नहीं था।
चौथी और पांचवीं मंजिलों पर कोंढ़वा, पुणे के दूसरे इलाके के लोगों के साथ साथ कई बार पुणे के बाहर के लोगों को भी आते जाते देखा गया। इमारत के लोगों के मुताबिक जो भी लोग यहां आते थे सब पढ़े लिखे दिखते थे और ज्यादा किसी से बात नहीं करते थे। चौथे मंजिल की सीढ़ियां जहां से शुरू होती हैं वहीं पर एक गेट लगा दिया गया था ताकि कोई भी बिना इजाजत दफ्तर में ना पहुंच सके।
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