G.News 24 : मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया फौजी मेले का शुभारंभ

शांति के प्रतीक गुब्बारे छोड़कर…

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया फौजी मेले का शुभारंभ

भारतीय सेना द्वारा युद्ध के दौरान उपयोग किए जाने वाले हथियार और वाहनों को लोग फौजी मेले में नजदीक से देखने के लिए बुधवार को बड़ी संख्या में लोग एमवीएम मैदान पहुंचे हैं। यहां फौजी मेले का आयोजन किया गया है। इसका शुभारंभ आज सुबह मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं। मेले का आयोजन सेना के तीनों अंगों की जानकारी नागरिकों को देने एवं युवा वर्ग के सेना से जुड़ने की प्रेरणा देने के उद्देश्य से किया गया है। इस मेले में युद्ध के समय भारतीय सेना के तीनों अंगों वायुसेना, थल सेना एवं नौसेना के जांबांज सैनिकों के साहस और कर्तव्यनिष्ठा की जानकारी दी जाएगी। सेना के बेड़े में शामिल वाहन भी लोग देख सकते हैं। बड़ी संख्या में वाहन एवं हथियार एमवीएम मैदान पर रखे गए हैं। यहां आज सुबह बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और हथियारों को नजदीक से देखा। 

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने संबोधन में सेना की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि फौजी मेला मध्यप्रदेश ओर भोपाल को गर्व और गौरव है। मुख्यमंत्री ने पहले रिबन काटकर एवं बाद में शांति के प्रतीक गुब्बारे छोड़कर मेले का उद्घाटन किया। सीएम शिवराज ने कहा कि हमारी सेना अद्भुत है, हर चुनौती का जवाब देने में सक्षम है। हमारी सेना धर्म के विजय के लिए कार्य करती है। मैं सेना के शौर्य, साहस, शूरवीरता और समर्पण को प्रणाम करता हूं। आज हमारी सेना हर चुनौती का जवाब देने में सक्षम है। जब पाकिस्तान ने हमारी सीमाओं में घुसने की कोशिश की तो सेना ने उन्हें सबक सिखाया।

कारगिल युद्ध में हजारों फीट की ऊंची चोटियों पर चढ़कर दुश्मन का सर्वनाश किया। हमारे जवानों ने देश सेवा करते हुए सदैव अभूतपूर्व साहस का प्रदर्शन किया। जब भी जरूरत पड़ी, तो मातृभूमि की सेवा के लिए सीने पर गोली खाई, शत्रुओं की गोली कभी हमारे जवानों ने पीठ पर नहीं खाई। आज मैं गर्व के साथ कहता हूं कि भारत की सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली और सक्षम सेनाओं में से एक है जो सीना तानकर देश की सीमाओं पर खड़ी है। चाहे रेगिस्तान की गर्मी हो या लेह-लद्दाख, सियाचिन का कड़कड़ाती सर्दी, हमारे जवान हर परिस्थिति में सीमाओं की सुरक्षा का काम करते हैं। यूनान, मिस्र, रोमा सब मिट गए जहां से। बाकी मगर अभी तक नामों निशां हमारा। 

इसका कारण है भारत की संस्कृति, विचार, जीवन मूल्य और परंपराएं। यह केवल हमारे देश के लिए नहीं, बल्कि दुनिया के लिए हैं। इस मौके पर आर्मी बैंड द्वारा मधुर तराने पेश किए गए। मुख्यमंत्री ने अभिवादन कर मेले में मौजूद सैनिकों एवं बच्चों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर जिला कलेक्टर अविनाश लवानिया के अलावा भारतीय सेना एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित हैं। आमजन इस फौजी मेले में युद्ध के दौरान उपयोग किए गए जाने वाले कुछ हथियारों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। करीब 50 किलोमीटर दूर तक मारक क्षमता वाले टैंक व इस तरह के हथियारों के बारे में अभी तक कम ही जानकारी मिलती है। अब शहर के बीच में एमबीएम मैदान पर नए एवं पुराने भोपाल के लोग भी प्रदर्शनी में जानकारी ले सकेंगे। फौजी मेले का समापन दो अप्रैल को होगा।

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