सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित…
विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकार
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव मंगलवार को अस्वीकार हो गया। दोपहर बाद संसदीय कार्य मंत्री ने अस्वीकार किए जाने का प्रस्ताव बहुमत से अस्वीकार कर दिया। हालांकि इससे पहले दोपहर में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने व्यवस्था दी थी कि अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार हो या अस्वीकार, इसके लिए 27 मार्च को चर्चा कराई जा रही है। सत्ता पक्ष के विरोध के बाद इसे बहुमत से अस्वीकार कर दिया गया। इसी बीच विपक्ष ने एकतरफा सदन चलाने का आरोप लगाते हुए बहिर्गमन कर दिया। विपक्ष के बहिर्गमन के बाद सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट, सभी विभागों की अनुदान मांगों और विनियोग विधेयक सहित सभी विधेयक पारित करा लिए। बजट और विधेयकों के पारित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी।
मंगलवार दोपहर ध्यानाकर्षण के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया था, उस पर चर्चा कब कराई जाएगी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं संकल्प लाया जाता है। जब मैं सदन में आ चुका था, इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। मैंने उसे अस्वीकार कर सचिवालय को भेज दिया है, लेकिन अगर विपक्ष चाहता है तो हम 27 मार्च को इस पर चर्चा करा सकते हैं। बता दें कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह सहित कांग्रेस के 48 विधायकों ने हस्ताक्षर कर अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सूचना सचिवालय को दी थी। मंगलवार दोपहर तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि यह प्रस्ताव न तो नियम के अनुरूप है और न ही ऐसी कोई परंपरा है। यदि इसे स्वीकार किया जाता है तो गलत परंपरा बनेगी।
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को बजट सत्र की शेष कार्यवाही से निलंबित करने का निर्णय अध्यक्ष का नहीं बल्कि सदन का था। इसके बाद डॉ. मिश्रा ने प्रस्ताव रखा कि इसे अस्वीकार किया जाए। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री डॉ. मिश्रा ने उक्त प्रस्ताव को अस्वीकार करने का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया और प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया। नेता प्रतिपक्ष ने प्रस्ताव अस्वीकार किए जाने के बाद सदन से बहिर्गमन किया। सदन के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमने संकल्प ही दिया था, पर सरकार तानाशाही पर उतर आई है। कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। एकतरफा कार्यवाही संचालित की जा रही है। एक बार अध्यक्ष ने जब चर्चा की तारीख नियत कर दी, तब उसे अस्वीकार क्यों किया गया। मंगलवार को शून्यकाल में एक बार फिर आदिवासियों पर अत्याचार का मामला सदन में गूंजा।
प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने सागर कोठी में एक आदिवासी बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या करने का मामला उठाया। अध्यक्ष ने शून्यकाल में उठाने की व्यवस्था दी। शून्यकाल में बाला बच्चन, पांचीलाल मेढ़ा, कांतिलाल भूरिया सहित दर्जन भर से अधिक विधायकों ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने और सरकार पर आदिवासियों के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर वक्तव्य देने और सख्त कार्रवाई करने की मांग की। पांचीलाल मेढ़ा दहित दर्जन भर विधायक गर्भगृह तक जा पहुंचे। चर्चा नहीं कराए जाने पर आठ विधायक बहिर्गमन कर गए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बताएं कि कांग्रेस ने बहिर्गमन किया है या नहीं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने बहिर्गमन नहीं किया है, कुछ विधायक बाहर गए हैं। मंगलवार को दोपहर बाद ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण संशोधन विधेयक, मप्र के नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) संशोधन विधेयक और मप्र नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है।
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