पाकिस्तान की कंगाली का वाघा बार्डर पर दिखा असर…
लोगों की कम मौजूदगी से पाकिस्तानी रेंजर्स के टूटने लगे हैं हौसले !
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की कंगाली का असर वाघा बार्डर पर भी दिखने लगा है। वाघा-अटारी बार्डर पर भारत के बीएसएफ की देखा देखी पाकिस्तानी रेंजर्स ने भी परेड की शुरुआत की थी। लेकिन, अब लोगों की कम मौजूदगी से पाकिस्तानी रेंजर्स के हौसले टूटने लगे हैं। पाकिस्तानी नागरिक देश में बढ़ती महंगाई और सुरक्षा चिंताओं से डरे हुए हैं। इसके बाद उनकी रुचि पाकिस्तानी सेना के शौर्य प्रदर्शन में कम और पैसे कमाने में ज्यादा है।
पाकिस्तानी विश्लेषकों का मानना है, कि इसके पीछे देश में बढ़ती महंगाई मुख्य कारण है। वे यह भी मानते हैं, कि युवा पीढ़ी अब आक्रामक परेड में रुचि नहीं रखती है। वाघा-अटारी बॉर्डर भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित हैं।इस सेरेमनी को देखने के लिए दोनों देशों ने सीमा से सटे हुए इलाके में भव्य पेवेलियन का भी निर्माण किया है। हर दिन दोनों ही देशों के हजारों लोग इस फ्लैग होस्टिंग सेरेमनी को देखते आते हैं। पाकिस्तान के बनाए स्टेडियम में 10000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है।
हालांकि, हाल के दिनों में सिर्फ 1500 से 2000 लोग ही पहुंच रहे हैं। सिर्फ रविवार को ही इनकी संख्या 3000 के करीब पहुंचती है। कामकाजी दिनों में दर्शकों की कम संख्या का असर पाकिस्तानी रेंजर्स के मनोबल पर पड़ रहा है। भारतीय दर्शकों के प्रचंड शोर के सामने पाकिस्तानी दर्शकों की आवाज दब जाती है। भारत की तरफ बने स्टेडियम में 25000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है। भारत की तरफ अटारी में हर दिन हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं और बीएसएफ का हौसला बढ़ाते हैं। पाकिस्तानी दर्शकों का भी मानना है कि खाली स्टेडियम से उनके उत्साह पर असर पड़ता है।
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