G.News 24 : 'बातचीत का फैसला सिर्फ भारत और पाकिस्तान पर' निर्भर !

कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका का बड़ा बयान…

'बातचीत का फैसला सिर्फ भारत और पाकिस्तान पर' निर्भर !

पाकिस्तान ने कश्मीर के मुद्दे को हर बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया। लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी है। खुद पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि दुनिया के देश कश्मीर पर पाकिस्तान की बात नहीं सुनते हैं। इसी बीच अमेरिका ने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। अमेरिका ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर आपस में मिलकर रचनात्मकता के साथ बातचीत करना चाहिए। अमेरिका के प्रेसीडेंट जो बाइडन प्रशासन ने कहा कि अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के बीच सार्थक और रचनात्मक कूटनीति हो, इसका समर्थन करता है। 

इस बारे में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस से पूछा गया तो उन्होंने अपने जवाब मे कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर वार्ता की प्रकृति क्या हो, यह दोनों देशों को ही तय करना है। इस तरह अमेरिका ने यह साफ कर दिया है कि कश्मीर मुद्दा अंतरराष्ट्रीय नहीं बल्कि दोनों देशों का मुद्दा है, जिसे दोनों देश कूटनीतिक पहल के साथ सॉल्व कर सकते हैं। हालांकि नेड प्राइस ने कहा कि यदि दोनों देश चाहें तो अमेरिका भूमिका निभाने के लिए तैयार है। प्राइस ने हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता में अमेरिका के किसी भी तरह से मध्यस्थ की भूमिका निभाने की संभावनाओं से इनकार कर दिया।

नेड प्राइस ने मीडिया ब्री‍फिंग में कहा, ' इस संबंध वे (भारत और पाकिस्तान) खुद ही फैसला कर सकते हैं। अगर वे चाहें, तो अमेरिका कोई विशेष भूमिका निभाने का तैयार है। प्राइस से पूछा गया, 'विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका के पास दोनों भागीदारों के बीच मध्यस्थता करने की शक्ति व अधिकार है। पाकिस्तान और भारत आपके साझेदार हैं, तो आप एक मध्यस्थ की भूमिका क्यों नहीं निभाते?' इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'अंतत: अमेरिका उस प्रक्रिया को निर्धारित नहीं करता, जिसके तहत भारत और पाकिस्तान एक दूसरे से वार्ता करें। हम लंबे समय से चले आ रहे संघर्षों को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच रचनात्मक बातचीत तथा सार्थक कूटनीति का समर्थन करते हैं।'

एक अन्य सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा कि भारत, अमेरिका का एक वैश्विक रणनीतिक साझेदार है। प्राइस ने कहा, 'ये संबंध राजनीतिक, कूटनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और महत्वपूर्ण रूप से लोगों के बीच मौजूद आपसी संबंध हैं।’पाकिस्तांन ने गुरुवार को तय किया है कि वह भारत में होने वाले शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) के एक कार्यक्रम से दूर रहेगा। ऐसे में प्राइस के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। भारत की राष्ट्री य राजधानी नई दिल्ली् में से 10 से 12 मार्च तक एससीओ देशों के मुख्या न्यारयधीशों की एक मीटिंग होने वाली है। पाकिस्तासन अकेला एससीओ देश है जो इस सम्मे लन से दूर रहेगा।

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