G.News 24 : मेरी बहनों को हाथ खर्च के अब परेशान नहीं होना पड़ेगा : मुख्यमंत्री

भोपाल में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना हुआ शुभारंभ…

मेरी बहनों को हाथ खर्च के अब परेशान नहीं होना पड़ेगा : मुख्यमंत्री 

भोपाल। चुनाव से पहले आधी आबादी को खुश करने के लिए शिवराज सरकार की लाडली बहना योजना लॉन्च हो गई। राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना का शुभारंभ किया। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई इस योजना के तहत महिलाओं को एक हजार रुपए प्रतिमाह यानी हर साल 12 हजार रुपए सरकार उनके खाते में पहुंचाएगी। इस मौके पर रविवार को आयोजित कार्यक्रम के मंच पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक महिला का योजना के आवेदन का फार्म खुद अपने हाथों से भरा। अपने भाषण में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शिवराज ही उनका सच्चा भाई है। उन्होंने लाड़ली बहना योजना की विस्तार से जानकारी दी और कहा कि योजना के लिए आवेदन करने वाली बहनों को सिर्फ समग्र आईडी और आधार कार्ड का नंबर देना होगा। इसके अलावा किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ेगी। चुनाव से पहले लाड़ली बहना योजना को विपक्षी कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने जीवन के 64 वर्ष भी पूरे कर दिए हैं। अपने जन्मदिन के मौके पर उन्होंने प्रदेश की महिलाओं को यह योजना सौगात के तौर पर दी है। मुख्यमंत्री का दावा है कि लाडली बहना योजना महिलाओं को आर्थिक तौर पर सक्षम और आत्मनिर्भर बनाएगी।

शुभारंभ अवसर पर  मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि बहनों, मैं चाहता हूँ कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना को लागू करने में आपको कोई दिक्कत या समस्या न आए। उन्होंने कहा कि हमारे देश की धरती पर माँ, बहन और बेटी का हमेशा सम्मान रहा है। हम बेटियों और बहनों को दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती मानते हैं। अगर विष्णु जी का नाम लेना है तो लक्ष्मीनारायण कहते हैं, कृष्ण जी का नाम लेना हो तो राधाकृष्ण कहते हैं और श्रीराम का नाम लेना हो तो कहते हैं सीताराम। 

मैंने अपने परिवार और अपने गाँव में देखा, बेटा पैदा हुआ तो ढोल बजते थे, गीत गाया करते थे, लड्डू बाँटे जाते थे !अगर बेटी आ जाए, तो मुँह उतर जाता था! पढ़ेगा कौन, भैया पढ़ेगा और बेटी क्या करेगी ? यह देखकर मेरे मन में पीड़ा होती थी। मैं जब छोटा था, तब मेरी आवाज कोई नहीं सुनता था। मैं भाषण देता था कि बेटी है तो कल है, बेटी को आने दो l 

एक बूढ़ी माँ ने कहा कि अगर बेटी आ गई, तो उसकी पढ़ाई और शादी का खर्च तू उठाएगा ? तब मैंने सोचा कि केवल भाषण से काम नहीं चलेगा, इसलिए जब विधायक-सांसद बना, तो अपने भत्ते से बेटियों की शादी करवाने लगा। जैसे ही आपके आशीर्वाद से मैं मुख्यमंत्री बना, तो मैंने सबसे पहले कन्या विवाह योजना बनाई। मैंने तय कर दिया कि गरीब बेटियों की शादी भाजपा सरकार करवाएगी l 

ये अलग बात है कि जब कमलनाथ की सरकार आ गई, तो ये योजना बंद कर दी और शादी करवाने के बाद भी पैसा नहीं दिया। मुझे लगा कि केवल कन्या विवाह से काम नहीं चलेगा। बेटी को बोझ नहीं, वरदान बनाना है। इसके लिए तय किया कि बेटी लखपति पैदा होगी। 

इसलिए बनी लाड़ली लक्ष्मी योजना। इसमें तय किया कि बेटी के पैदा होने पर उसके खाते में 30,000 रुपये डालेंगे, 21 साल की होने पर 1 लाख 18 हजार रुपये मिल जाएंगे। आज 44 लाख से ज्यादा लाड़ली लक्ष्मी मध्यप्रदेश में हैं। इसके बाद तय किया कि स्कूल जाने के लिए किताबें, यूनिफ़ॉर्म और साइकिल की व्यवस्था भी बेटियों के लिए की जाएगी। हमने गरीब गर्भवती मजदूर बहन को 16,000 रुपये देने की योजना बनाई। हमने लगातार योजनाएँ बनाई लेकिन कमलनाथ ने सभी योजनाओं को बंद कर दिया।

मेरे मन को शांति नहीं मिली। गरीब बहन हजार-हजार रुपये के लिए परेशान हो जाती है, मैंने देखा है। मायके जाने के लिए भी कई बार पतिदेव पैसे नहीं देते थे। मैं यही सोचता था कि वो दिन कब आएगा, जब मेरी बहनों को हजार रुपये के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। मैंने सोचा कि सगा भैया साल में एक बार रक्षाबंधन पर आता है और बहनों को उपहार देता है। मेरे मन में आया कि तू भी तो कुछ दे। मैंने ये भी सोचा कि साल में एक बार नहीं, सालभर कुछ दूंगा। 

इसी विचार में से मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना बनी। भाजपा की सरकार ने तय किया कि जितनी भी गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय बहनें हैं, जिनके परिवार की आमदनी ढाई लाख रुपये प्रतिवर्ष से कम है, या जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन है, तो और कोई शर्त नहीं है, ऐसी सभी बहनों को हर महीने 1,000 रुपये भेजूँगा। 

साल में मिलेंगे 12,000 रुपये, दो बहूएँ हुईं तो 24,000 रुपये, घर में सास हुई तो उनकी पेंशन को 1,000 रुपये कर दूंगा, अगर पति किसान हैं तो उनको किसान सम्मान निधि के 10,000 रुपये मिलेंगे, इससे साल में एक परिवार को 56,000 रुपये की मदद मिल जाएगी। इससे मेरी बहनों की इज्जत भी बढ़ेगी और सास-बहू का प्रेम भी बढ़ जाएगा। बहनें इन पैसों का सदुपयोग करेंगी और जरूरत पड़ने पर अपने पति को भी पैसे दे देंगी। 

जब कमलनाथ आए तो उन्होंने बैगा, भारिया और सहरिया बहनों को आहार अनुदान राशि देना बंद कर दिया था। मेरी बहनों, आपको कोई भी प्रमाणपत्र बनवाने की जरूरत नहीं है, केवल लिख देना, तुम्हारा भैया मान लेगा। शहर में तुम्हारे वॉर्ड में शिविर लगेगा। गाँव में भी शिविर लगाऊँगा। किसी दलाल के चक्कर में मत आना। कोई भी दलाली करे, तो 181 पे फोन कर देना, हथकड़ी लगवाकर जेल भिजवा दूंगा। 

एक ही दिन में फॉर्म नहीं भरवाना। हम अपने कर्मचारियों और भाजपा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देंगे। एक दिन में 30 आवेदन भरे जाएंगे। जब तक आवेदन पूरे नहीं भरे जाएंगे, तब तक शिविर लगे रहेंगे। आपको आपके मोहल्ले में सूचना दी जाएगी। परेशान होने की जरूरत नहीं है। 25 मार्च से आवेदन भरवाना शुरू होंगे। सभी के पास बैंक खाते हैं, कोई रह गई हो, तो चिंता मत करना, खाते भी खुलवा दूंगा। 25 मार्च से 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे, जरूरत पड़ी, तो इसे आगे बढ़ा दूंगा। 23 से लेकर 60 साल तक की बहनों के फॉर्म भरे जाएंगे। 10 जून को 1,000 रुपये की पहली किश्त बहनों के खाते में आ जाएगी। 

मैंने सारी शराब दुकानों के अहाते बंद करने का निर्णय लिया है। अगर कोई मासूम बेटी के साथ दुराचार करेगा, तो उसे फाँसी पर लटका दूंगा।मेरी बहनें इज्जत और मान-सम्मान से जियेंगी, तो मेरा मुख्यमंत्री बनना सफल हो जाएगा। बहनें मेरे लिए दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती हैं। तुम्हारी जितनी तकलीफें हैं, भगवान उन्हें मुझे दे दें और तुम्हारी आँखों में कभी आँसू न आएँ, मेरी ऐसी प्रार्थना भगवान से है। 

सभी बहनें अगर मुझ से सहमत हैं, तो संकल्प लें कि अपने भैया का साथ देंगी और प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा सरकार के साथ चलेंगी!

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