G.NEWS 24 : आज से हम सभी साथ जिऐगें सिर्फ हिंदुस्तान के लिए : मनीषा

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आज से हम सभी साथ जिऐगें सिर्फ हिंदुस्तान के लिए : मनीषा

ग्वालियर। गत दिवस मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन ग्वालियर इकाई ने देशबंधु पत्र समूह के संस्थापक संपादक एवं मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रेरणा स्रोत आदरणीय बाबूजी मायाराम सुरजन जी का जन्म शताब्दी वर्ष समारोह सिद्ध पीठ श्री गंगा दास की बड़ी शाला में समारोह पूर्वक मनाया गया। महंत श्री रामसेवक दास जी महाराज के सानिध्य में हुए इस आयोजन में मंच पर विराजमान रहे नव गीतकार श्री रामस्वरूप बाबूजी सेवड़ा ,मुख्य अतिथि के रूप में गजल कार राम अवध विश्वकर्मा, सारस्वत अतिथि के तौर पर भिंड के चर्चित मंची कवि डॉक्टर सुनील कांत त्रिपाठी निराला एवं विशेष अतिथि के रूप में भांडेर पाठक मंच के संयोजक एवं कवि श्री रविंद्र सत्यार्थी मंचासीन रहे ।आयोजन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार माता प्रसाद शुक्ल ने की।

मंच संचालक डॉ. मनीषा गिरी की सरस्वती वंदना के बाद मंचासीन अतिथियों एवं उपस्थित सभी लोगों ने आदरणीय बाबूजी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। स्थानीय इकाई के अध्यक्ष माता प्रसाद शुक्ल एवं संस्था पदाधिकारी मनोज भटेले, आरसी बौद्ध ,नरेंद्र तोमर, कमलेश मंगल ,,वीरेंद्र विद्रोही ,डाक्टर मनीषा गिरी आदि ने मंचासीन अतिथियों का पुष्पा हार पहना कर स्वागत किया ।इकाई के अध्यक्ष ने आमंत्रित अतिथियों का परिचय एवं स्वागत भाषण दिया। माता प्रसाद शुक्ल ने अपने उद्बोधन में बाबूजी की पत्रकारिता और साहित्यिक अवदान पर विस्तार से चर्चा करी ।उनकी उदारता आत्मीयता और बहुआयामी व्यक्तित्व का उल्लेख किया। शुक्ल ने कहा कि बाबूजी को मध्यप्रदेश ही नहीं ,सारे देश के साहित्यकारों की चिंता रहती थी।

कौन कहां ,कैसा है ,कौन बीमार है ,किसको आर्थिक मदद की जरूरत है ।यह सब उनकी दिनचर्या के विषय हुआ करते थे। शुक्ल ने बाबूजी की लिखी पुस्तकों की भी चर्चा करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पुस्तक की विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने आगे कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे बाबूजी का  सानिध्य और आशीर्वाद हमेशा मिलता रहा। नगर के वरिष्ठ अभिभाषक एवं समीक्षक विजय कृष्ण योगी ने भी बाबूजी के पत्रकारिता विषयक योगदान की चर्चा की। इस अवसर पर सेवड़ा के नवगीत एवं दोहा कर बाबूजी रामस्वरूप जी का शॉल श्रीफल पुष्पा हार एवं चित्र भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया ।इस अवसर पर इकाई की ओर से ही सारस्वत अतिथि भिंड के डॉक्टर सुनील त्रिपाठी को भी शॉल श्रीफल एवं पुष्प हार  पहनाकर अभिनंदन किया गया।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में डॉक्टर मनीषा गिरी के सफल संचालन में काव्य गोष्ठी में लगभग दो दर्जन कवियों ने  काव्य पाठ किया। इनमें प्रमुख हैं  डॉक्टर मनीषा गिरी,राम स्वरूप स्वरूप जी ,राम अवध विश्वकर्मा ,सुनील त्रिपाठी निराला ,रविंद्र सत्यार्थी भांडेर ,विजय कृष्ण योगी ,दिनेश विकल दिनेश विकल ,माला श्रीवास्तव ,कादंबरी आर्य, पुष्पा सिसोदिया, डीके सक्सेना ,पुष्पराज जैन, आरती श्रीवास्तव ,अक्षत ,नरेंद्र सिंह तोमर ,वीरेंद्र विद्रोही ,राज नारायण दीक्षित राजेश,  राम सिया बौद्ध आदि। श्रोता के रूप में सर्वश्री के आर धाकड़ ,अशोक मुकुल, नरेंद्र भारद्वाज ,गोपाल पाल ,अमित शर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में नगर की वरिष्ठ कवित्री एवं हिंदी साहित्य सम्मेलन ग्वालियर इकाई की पदाधिकारी श्रीमती आरती खेड़कर के अचानक निधन पर 2 मिनट का मौन धारण कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

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