मप्र के सुशासन को राज्यों ने सराहा…
लोगों को प्रधानमंत्री से उम्मीदें हैं इसलिए बढ़ीं शिकायतें : जितेन्द्र सिंह
भाेपाल। लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उम्मीद है इसलिए शिकायत बढ़ी है, पहले दो लाख शिकायतें आती थी और अब 20 लाख शिकायतें प्रतिवर्ष आती है। इसका आशय साफ है कि सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है क्योंकि शिकायतों का समय पर समाधान भी हो रहा है। प्रति सप्ताह 98 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण किया जाता है। सुशासन की नई व्यवस्था से बढ़ा बदलाव आया है। सरकारी व्यवस्था सुधरी है और लोगों में सरकार के प्रति भरोसा भी बढ़ा है। 25 साल में जादूई बदलाव आया है। यह बात सोमवार को केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से कार्मिक मंत्रालय के तहत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के "सुशासन प्रथाओं" विषय पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पांच माह पूर्व ही ह्मूमन डेस्क बनाया गया है, इसमें शिकायतकर्ताओं से फीडबैक लिया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार अब दिल्ली से नहीं राज्यों से चलती है।
पुरानी रिवायलों को छोड़कर नई संस्कृति को जन्म देने के लिए पिछले नौ साल में नए प्रयास किए गए हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल में आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। साथ में मध्य प्रदेश सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी, एमएसएमई मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा भी मौजूद थे। क्षेत्रीय सम्मेलन में देश भर से लगभग 200 प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में इंटरनेशनल मिलेट्स डे मनाया जा रहा है। मोदी के ही कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया गया। हमने दिल्ली के विज्ञान भवन से बाहर निकलकर भोपाल में संगोष्ठी कर रहे हैं। इस तरह के कार्यक्रम अक्सर विज्ञान भवन में हुआ करते थे। ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए वे अधिकारी ही आते थे, या तो जिनके बच्चे दिल्ली में पढ़ाई करते हैं या जिन्हें शापिंग करनी हो। हमने यह संस्कृति बदली है और देश भिन्न भिन्न राज्यों में जाकर बैठकें करते हैं। इससे तव्वाजें अधिक मिली है ध्यान भी केंद्रित होता है।
डीएआरपीजी के सचिव वी श्रीनिवास ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। यह सम्मेलन केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर विभिन्न प्रशासनिक सुधारों के जरिए सरकार और नागरिकों को करीब लाने का एक प्रयास है। जिसमें सरकारी प्रक्रिया की री-इंजीनियरिंग, ई-सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच, डिजिटल पहल में उत्कृष्टता शामिल है केंद्रीय राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि कार्मिक विभाग ने बड़ा बदलाव किया है। मोदी सरकार ने लोगों पर भरोसा जताया है और दस्तावेज अटेस्टेड कराने की अनिवार्यता समाप्त की गई है। एक जनवरी 2016 से इंटरव्यू की प्रथा भी समाप्त कर दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार ने दो दिवसीय कार्यक्रम के बारे में बताया। डीएआरपीजी के सचिव वी श्रीनिवास उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने मध्य प्रदेश की योजनाओं की आनलाईन सेवाओं तारीफ की। कार्यक्रम में डीएआरपीजी की फिल्म दिखाई गई। कार्यक्रम में काफी टेबल बुक का विमोचन किया गया। मध्य प्रदेश इलेक्ट्रानिक विकास निगम के अध्यक्ष शैतान सिंह पाल, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव सहित अन्य राज्यों से आए प्रतिनिधि सम्मेल में उपस्थित थे।
सम्मेलन के प्रथम दिन पांच सत्र चले। इनमें विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने उनके राज्य में किए गए नवाचार साझा किए, अच्छी योजनाओं के बारे में बताया। प्रमुख राजस्व आयुक्त संजय गोयल ने मध्य प्रदेश में साइबर तहसील के नवाचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की मदद से कृषि क्षेत्र में किए गए नवाचार के बारे में संचालक कृषि एम सिलवेन्द्रम ने बताया। एडीजी एससीआरबी चंचल शेखर ने मध्य प्रदेश के ई-विवेचना एप के बारे में जानकारी दी। मंत्री सखलेचा ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने विभिन्न सेवाओं को जनता तक पहुंचाने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने जन सेवा अभियान चलाया और घर-घर जाकर 70 लाख से अधिक आवेदनों का निराकरण किया। मध्य प्रदेश में डिम्ड अप्रूवल दिया जाता है। जनता को विभिन्न स्वीकृतियों के लिए भटकना नहीं पड़ता है। लोगों का हेल्थ चेकअप कराया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में टेबलेट के माध्यम से परीक्षा देने की प्रेक्टिस कराई गई आनलाइन सेवाओं से जनता के कार्य आसान हुए हैं।
0 Comments