RSS के घोर विरोधी कांग्रेस के दिवंगत नेता...
भाजपा ने लिया विंध्य के सबसे बड़े नेता अर्जुन सिंह का सहारा !
भोपाल। विध्य में बीजेपी की जमीन मजबूत करने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने ऐसा दांव खेला है, जो शायद आने वाले समय में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के घोर विरोधी कांग्रेस के दिवंगत नेता अर्जुन सिंह की प्रतिमा का अनावरण भाजपा सरकार के द्वारा किया जाना कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध का काम कर सकता है।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के कार्यकाल में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे अर्जुन सिंह की प्रतिमा का समारोह पूर्वक भव्य रूप में अनावरण होना, क्या ये केवल राजनीतिक सह्रदयता का संदेश था या फिर कुछ और। चुनावी साल को सोच कर बड़ा इवेंट कर गुजरने वाली शिवराज सरकार जिसकी 2018 के चुनाव में विंध्य में मजबूत पकड़ थी, निकाय चुनाव में वहां का सियासी रुझान बदलता देखा है। इसलिए ये शायद उसी विंध्य की जमीन को मजबूत करने की कवायद है या फिर अपनी ही पार्टी के विधायक नारायण त्रिपाठी ने जिस ढंग से इसे मुद्दा बनाया विंध्य में वो असर न दिख जाए, चुनावी साल में उसका डैमेज कंट्रोल है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस के दिवंगत नेता अर्जुन सिंह की गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं मंस तो होती ही है, मध्यप्रदेश के दायरे में वे एक ऐसे नेता के तौर पर पहचान रखते हैं जिनके देहावसान के बाद भी उनका पूरे विंध्य इलाके में सम्मान और समर्थन है। इस लिहाज से देखिए तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कट्टर विरोधी रहे और जिन्होंने केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री रहते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बजरंग दल पर नियंत्रण की बात की थी, उन अर्जुन सिंह की प्रतिमा का अनावरण भाजपा की सरकार में समारोहपूर्वक होना संघ की विचारधारा में सवाल की तरह आना लाजिमी है। तो क्या शिवराज राजनीति की उसी राह पर हैं जिसे उनकी पहचान कहा जाता है। बड़े दिल के साथ बड़े लक्ष्य की राजनीति।
क्या ये दांव निकाय चुनाव में विंध्य में लगे झटके को समय रहते संभाल लेने का दांव है। विंध्य में तीन नगर निगम आते हैं जिसमें से सतना में केवल भाजपा का मेयर बना, जबकि सिंगरौली में आम आदमी पार्टी और रीवा में कांग्रेस का मेयर जीता।
दरअसल कांग्रेस के दिवंगत नेता अर्जुन सिंह की मूर्ति का अनावरण लंबे समय से अटका हुआ था। पहले हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के अनुपालन में शहर की प्रमुख सड़क फुटपाथ और चौराहे पर प्रतिमाएं स्थापित करने की अनुमति नहीं दी थी। इस वजह से भी ये अनावरण टलता रहा। लेकिन चुनावी साल में इसे मुद्दा भाजपा के ही विधायक नारायण त्रिपाठी ने बनाया। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को इस संबध में चिट्ठी लिखी जिसमें मांग रखी कि चार मार्च के पहले प्रतिमा का अनावरण हो जाना चाहिए। बेशक ये नारायण त्रिपाठी के दबाव का असर कहीं से नहीं था, लेकिन शिवराज ने बड़ी खूबी से कांग्रेस से आने वाले विंध्य के सबसे बड़े नेता को मान देकर चुनावी सियासत में एक मजबूत दांव खेला है।
0 Comments