आंगनबाड़ी केंद्रों पर लटके ताले...
आँगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की अनिश्चितकालीन हड़ताल
ग्वालियर। प्रदेश के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक संयुक्त मोर्चा सहित आँगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन संगठन सीटू लंबित मांगें पूरी न होने से 15 मार्च से सामूहिक अवकाश पर चले जाने से आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले लटके है एवं लाड़ली लक्ष्मी और प्रधानमंत्री मातृ वंदना जैसी जन हितैषी विभागीय योजनाएं ठप्प हो गयी हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जाने वाली शालापूरव शिक्षा एवं पोषण आहार वितरण सेवा भी ठप्प हो गयी है।
शासन की महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना अधर में लटक गई है। संयुक्त मोर्चे के समर्थन एवं अपनी लबित वाजिब मांगों के चलते सीटू भी अनिश्चितकालीन अवकाश में शामिल होने से लाड़ली बहना योजना खटाई में पड़ती जा रही है। माना जा रहा है ये योजना सरकार के लिए आगामी निर्वाचन को प्रभावित करने में निर्णायक हो सकती है किंतु विभागीय अमले की लंबे समय से लबित जायज मांगों को पूरा न करने से विभागीय अमले ने आरपार की लड़ाई का सीधा मन बना लिया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक विगत 30 वर्षों से अपनी लंबित मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। विभिन्न मांगों के लिए संघर्षरत रहते हुए शासन को शांतिपूर्ण ढंग से विभिन्न अवसरों पर लिखित अवगत कराया। उक्त मांगों के संबंध में अनेकों वार ज्ञापन दिये गये, विभागीय अधिकारियों को बैठक के माध्यम से लिखित एवं मौखिक रूप से अनेकों बार अवगत कराया गया, किन्तु विभाग द्वारा लगातार उपेक्षा किये जाने से बहुत ज्यादा असंतोष है।
संयुक्त मोर्चे को सीटू द्वारा समर्थन देते हुए बताया कि हमारी मांगे है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। उनके सेवा निवृत्ति पर एक मुश्त 5 लाख राशि दी जाए, मृत्यु की दशा में & लाख रुपये दिए जाएं। मानदेय और अन्य भो समानजनक जीवन निर्वाह्योग्य स्तर तक बढ़ाये जाये। संयुक्त मोर्चे एवं सीटू संगठन की बैठक में जिले के सभी परियोजना अधिकारी, सभी पर्यवेक्षक एवं सीटू अध्यक्ष कमलेश शर्मा उपस्थित रहीं।
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