करीब 800 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर…
आज आएंगे त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड विधानसभा चुनाव के नतीजे !
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आज घोषित हो जाएंगे। मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। तीनों ही राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं। बहुमत पाने के लिए 31 सीटों की जरूरत है। जो भी पार्टी इस आंकड़े को छू लेगी राज्य में उसकी सरकार बनेगी। तीनों राज्यों में 178 सीटों के लिए मतगणना होगी। करीब 800 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। त्रिपुरा में 16 फरवरी को वोटिंग हुई थी जबकि मेघालय और नागालैंड में 27 फरवरी को वोट डाले गए थे।त्रिपुरा की 60 और मेघालय-नागालैंड की 59-59 सीटों के लिए मतगणना होगी। मेघालय के पूर्व मंत्री यूडीपी उम्मीदवार एडीआर एचडीआर लिंगदोह के निधन के चलते सोहिओंग सीट पर वोटिंग कैंसिल कर दी गई थी इसलिए 59 सीटों पर ही वोटिंग हुई। वहीं नागालैंड में अकुलुतो सीट से बीजेपी उम्मीदवार काजेतो किनिमी निर्विरोध जीत गए थे इसलिए यहां भी 59 सीटों पर ही वोटिंग हुई। पूर्वोत्तर के तीन चुनावी राज्यों में भाजपा के लिए काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है।
इन राज्यों के चुनावी परिणाम बृहस्पतिवार को सामने आ जाएंगे जो इस बात का संकेत देंगे कि भाजपा ने 2018 में वाम दलों से उनके गढ़ त्रिपुरा को छीनने के बाद से वहां अपनी जड़ें मजबूत की हैं या नहीं। चुनावी परिणामों से यह भी स्पष्ट होगा कि पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों की सत्ता पर काबिज भाजपा मेघालय तथा नगालैंड में अपनी पैठ और मजबूत करने में सफल हुई है या नहीं या फिर विपक्ष उसके प्रभाव में सेंध लगाने में कामयाब रहा है। तीन राज्यों में त्रिपुरा ऐसा राज्य है जिस पर राष्ट्रीय स्तर पर सबकी निगाहे हैं क्योंकि वैचारिक रूप से यहां जीत दर्ज करना भाजपा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि क्योंकि पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों कांग्रेस और वाम दलों ने राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में भाजपा को चुनौती देने के लिए पहली बार हाथ मिलाया है। त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए भाजपा 55 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि उसकी सहयोगी आईपीएफटी ने 6 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, एक सीट पर दोस्ताना मुकाबला होगा।
राष्ट्रीय दलों के बीच इस लड़ाई में प्रद्योत देबबर्मा के नेतृत्व वाला तीपरा मोथा भी है जो एक प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावी ताकत के रूप में उभरा है। पिछले चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने जनजातीय क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया था। दो दशक तक वाम दलों का गढ़ रहे त्रिपुरा में भाजपा ने 2018 में शानदार जीत दर्ज की थी । भाजपा ने 36 और आईपीएफटी ने आठ सीटें जीती थीं। पहली बार भाजपा मेघालय की सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और लगातार नेशनल पीपुल्स पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री कोनराड संगमा पर देश की ‘‘सबसे भ्रष्ट’’ राज्य सरकार चलाने के लिए निशाना साध रही है। मेघालय में कुल 375 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होने वाला है। राज्य में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) 57 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सभी 60 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
युनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के 47 प्रत्याशी मैदान में हैं जबकि वीपीपी और एचएसडीपी ने क्रमश: 18 और 11 प्रत्याशी उतारे हैं। सभी दल अपने स्तर पर चुनाव लड़ रहे हैं। नागालैंड विधानसभा की 59 सीटों के लिए कुल 183 उम्मीदवार हैं और उनमें सिर्फ चार महिला उम्मीदवार हैं। एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार कझेतो किनिमी ने जुनहेबोतो जिले की अकुलुतो विधानसभा सीट पर बिना चुनाव लड़े जीत हासिल की है। किनिमी के खिलाफ कोई अन्य उम्मीदवार नहीं होने से उनकी निर्विरोध जीत हुई है। सत्तारूढ़ एनडीपीपी 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, भाजपा 20 सीटों पर, कांग्रेस 23 सीटों पर जबकि एनपीएफ 22 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। लोक जन शक्ति (लोजपा-रामविलास) 15 सीटों पर, एनपीपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 12-12 सीटों पर तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नौ सीटों पर, जनता दल (यूनाइटेड) सात सीटों पर, राष्ट्रीय जनता दल तीन और भाकपा एवं राइजिंग पीपुल्स पार्टी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही है।
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