इंदौर में रामनवमी पर बड़ा हादसा…
मंदिर में बावड़ी की छत धंसने से 50 से ज्यादा गिरे, 35 की मौत
इंदौर में रामनवमी पर एक बड़ा हादसा हो गया। स्नेह नगर के पास पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हवन के बाद कन्या पूजन चल रहा था। इस दौरान बावड़ी की छत धंस गई और वहां मौजूद 50 से अधिक लोग उसमें गिर गए। हादसे में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। 28 लोगों के शव बावड़ी से निकाले गए हैं, वहीं तीन लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ा है। बचाव कार्य जारी है। बेलेश्वर मंदिर हादसे में 35 लोगों की मौत की पुष्टि कलेक्टर ने की है। करीब 35 शव निकाले जा चुके हैं।
घटनास्थल पर अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। एक और व्यक्ति के लापता होने की बात कही जा रही है। रात 11:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी और एनडीआरएफ की टीम ने नगर निगम के अमले की मदद से बावड़ी से करीब 20 लोगों के शव निकाले बाहर निकाले। हादसे की जानकारी मिलने के बाद महू से तीन अलग-अलग टीमों में आर्मी और NDRF के करीब 140 जवान मौके पर मौजूद रहे और उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन किया। गुरुवार देर रात करीब 13 शव और निकाले गए थे। इससे पहले 11 शव निकाले गए थे।घटनास्थल पर हादसे के बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। किसी को कुछ समझ ही नहीं आया कि अचानक क्या हो गया। हालांकि स्थानीय लोगों ने सक्रियता दिखाते हुए 10 लोगों को बाहर खींच लिया था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों को पांच लाख और घायलों को पचास हजार देने की घोषणा की है। वहीं, पीएम राहत कोष से हादसे में जान गंवाने वालों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इंदौर में हुई घटना को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिन में कहा कि 13 लोगों के मरने की दुखद खबर मिली है। 1 बच्ची भी लापता बताई जा रही है। उसकी तलाश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने दिए हादसे को लेकर जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रधानमंत्री ने भी की हादसे को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की है। कल गृह मंत्री मिश्रा इंदौर पहुंचेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा है कि मामले की जांच होनी चाहिए। मंदिर में बावड़ी के ऊपर स्लैब कैसे डल गया, किसकी इजाजत से डला। मामले में निष्पक्ष जांच होना चाहिए।
हादसे में मरने वालों में 15 से ज्यादा महिलाएं, 10 से अधिक पुरुष और दो बच्चे शामिल हैं। इनमें से एक डेढ़ साल का बच्चा है, जिसका नाम हितांश है। घायलों को पास के एप्पल हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा गया है। जबकि गंभीर घायलों को एमवाय अस्पताल में भर्ती किया गया है। इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा ने जिम्मेदारों पर कठोरतम धाराओं में केस दर्ज करने और कार्रवाई की बात कही है। घटना के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। कलेक्टर के अनुसार फिलहाल 16 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। दो लोगों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। लोगों ने बताया कि जिस बावड़ी में लोग गिरे थे, उसमें पानी भरा था। लोग गिरे, ऊपर से मलबा गिरा। इस वजह से जो लोग नीचे गिरे, उनकी मौत हुई। प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य के दौरान पानी के होने के चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पहले बावड़ी के पानी को खाली किया गया फिर लोगों को निकाला गया।
भारती गुलानी (28), महेश कौशल (49), रौनक पाल (37), ज्योति पटेल (55), लक्ष्मीनारायण शर्मा, ललित सेठिया (44), बेबी अलिना (7), बेबी वेदा (3), मुरली सबनानी (54), शांता पटेल (57), भावेश पटेल (37), लक्ष्मण दलवानी (53), पंकज पटेल (47), दीपा खानचंदानी (52), माया गुलानी (48), नंदनी दशोरे (15), आकाश मोटवानी (25), कनक पटेल (32)। हालांकि इनमें से दो की मौत हो गई है। मंदिर में अंदर बनी बावड़ी करीब 60 फीट गहरी है, जिसे ठांकने के लिए उस पर छत डाली गई थी। जिस समय मंदिर में हवन हो रहा था और लोग बावड़ी पर बैठे थे। वजन बढ़ने से अचानक बावड़ी की छत भरभराकर ढह गई। लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही नीचे गिर गए। गिरने वालों में महिलाएं, पुरुष, कुछ बच्चे शामिल थे। रामनवमी होने से मंदिर में भीड़ भी अधिक थी।
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