02 मार्च को गुरु और शिष्य का अद्भुत वात्सल्य मिलन के साक्षी बनेंगे गुरुभक्त…
गणाचार्य पुष्पदंत सागर महाराज का 30 साल बाद ग्वालियर में होगा मंगल प्रवेश
ग्वालियर। गुरुदेव गणाचार्य पुष्पदंत सागर महाराज से मुनिश्री से आचार्यश्री की पदवी प्राप्त होने के बाद 13 साल के बाद ग्वालियर नगर में प्रथम आगमन पर आचार्य सौरभ सागर महाराज की भव्य नगर प्रवेश शोभायात्रा बुधवार को दौलतगंज स्थित दिगंबर जैन मंदिर से गाजेबाजे के साथ निकली गई। सकल जैन समाज के समाजजनो ने आचार्य सौरभ सागर महाराज की भव्य अगवानी की। आचार्यश्री की शोभायात्रा गाजेबाजे के साथ दौलतगंज दिगंबर जैन मंदिर से शुरू होकर पारखजी का बाडा, सराफा बाजार, महाराज बाड़ा, मोर बाजार, दाना ओली से होती हुई नई सडक स्थित कार्यक्रम स्थल चंपाबाग धर्मशाला पहुँची।आचार्य सौरभ सागर महाराज ससंघ जिन मार्गो से निकाले उस मार्ग पर गुरूभक्तो का जन सैलाब उमड़ा पड़ा।
नगर प्रवेश शोभायात्रा में पुरुषगण व्हाईट परिधान में जयघोष लगाते हुए चल रहे थे। महिलाएं केशरिया साॅडी मे चल रहीं थी। जैन समाज के लोगो अपने घर और प्रतिष्ठानो के आगे रंगोली ओर फूलों की सज्जवाट कर आचार्यश्री के पादप्रक्षालन कर आरती उतारकर मंगल आशीर्वाद लिया। आचार्यश्री जिस रास्ते से नगर प्रवेश से निकले उन रास्ते के दिगंबर जैन मंदिरों के दर्शन भी किए। धर्मसभा का शुभारंभ मंगल चरण ममता पाटौदी ,मिठ्ठू सेठी एवं मधु बड़जात्या ने किया।
भगवन महावीर स्वामी के चित्र का आवरण निर्मल जैन मर्सन्स व डॉ वीरेन्द्र गंगवाल तथा दीप प्रज्वलित अमित एकता जैन किचन गेलरी एवं आचार्य सौरभ सागर की आरती गुरुभक्त ओमप्रकाश जैन दाल बाजार परिवार ने की। संचालन प्रमोद टोंग्या ने किया।आचार्यश्री का इन संस्थाओ ने किया जगह जगह पाद प्रक्षालन-ः जिन मुख्यमार्गो से आचार्य सौरभ सागर महाराज ससंघ निकाले वही जैन मिलन ग्वालियर, दिगंबर जैन सोशल ग्रुप ग्वालियर, दिगंबर जैन महिला परिषद ग्वालियर, दिगंबर जैन सोशल ग्रुप ग्रेटर, दिगंबर जैन मन्दिर समिति दौलतगंल, जैसवाल जैन समिति दानाओली, वरैया मंदिर समिति,बीसपंथी चंपाबाग जैन मदिर समिति के पदाधिकारीयो और सदस्यों ने पादप्रक्षालन कर आत्मिक आरती उतारकर स्वागत किया।
02 मार्च को ग्वालियर में 30 सालों के बाद गणाचार्य पुष्पदंत सागर महाराज ससंघ का भव्य नगर मंगल प्रवेश 7:30 बजे से इंदरगंज चौराहे से होगा। मंगल प्रवेश से पहले इंदरगंज चौराहे पर गुरु और शिष्य का अद्भुत वात्सल्य संत मिलन होगा जिसके साक्षी गुरुभक्त बनेंगे। मंगल प्रवेश शोभायात्रा इंदरगंज चौराहे से शुरू होकर ऊंट पुल, पाटनकर चौराहे, गस्त का ताजिया से होती हुई नई सड़क स्थित चंपाबाग़ धर्मशाला पहुंचेगी। कार्यक्रम स्थल चंपाबाग धर्मशाला में गणाचार्य व आचार्यश्री के मंगल प्रवचन होंगे। नगर प्रवेश के दौरान आचार्य सौरभ सागर महाराज ने नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं ग्वालियर में 30 साल पहले अपने गुरुदेव गणाचार्य पुष्पदंत सागर के साथ लंगोटी मैं आया था। अब 11 वर्ष 4 माह पूर्व में जब मुनि अवस्था मे आया था।
संतो के प्रति ग्वालियर के भक्तों में सदभावना, समर्पण दिखाई दे रहा है। एक बार पानी देने के पौधा जीवन भर सही रहता है। भक्तों को सिर्फ गमले का पौधा बनाना कर नही रहना चाहिए अपितु जंगल का पेड़ बनाना चाहिए। नरियल पेड़ होना चाहिए जो जीवित रहे और वर्षों तक पानी देता रहे। उन्होंने कहा कि संत स्वागत आग और पानी से होता है। आग यानी आरती जो भक्त द्वारा की जाती है और पानी यानी पादप्रक्षालन जो संतो का किया करते है। आचार्यश्री के चरणों में सकल जैन समाज के डॉ वीरेंद्र गंगवाल, अजीत वरैया, प्रशांत गंगवाल, प्रियांक सोनी (चुन्नू) ,अजित कासलीवाल, प्रवीण गंगवाल, राजेश पाटौदी, विनय कासलीवाल, अनिल पाटोंदी ,मयंक पंड्या, सहित मंदिर समितियों व संस्थाओं ने श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया।
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