जन-सुनवाई में भी होगा ई-केवायसी का काम…
सभी पात्र महिलाओं की समग्र आईडी व आधार का मिलान 25 मार्च तक कराएँ : श्री सिंह
ग्वालियर। “मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना” की पात्रता के दायरे में आने वाली सभी महिलाओं की ई-केवायसी अर्थात समग्र आईडी, आधार एवं मोबाइल फोन से मिलान का काम हर हाल में 25 मार्च से पहले पूरा कराएँ। राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णय के तहत मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का काम 25 मार्च से शुरू होना है। इसलिए सभी विभागों के अधिकारी अभियान बतौर ई-केवायसी के काम कराएँ। इस आशय के निर्देश कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने अंतरविभागीय समन्वय बैठक में दिए। सोमवार को यहाँ जिला पंचायत के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि मंगलवार को कलेक्ट्रेट में होने वाली जनसुनवाई में आने वाली महिलाओं के ई-केवायसी का काम भी किया जायेगा।
जनसुनवाई में सभी विभागों के अधिकारी ई-केवायसी करायेंगे। कलेक्टर श्री सिंह ने जनसुनवाई में समस्याओं का समाधान कराने के लिये आने वाली महिलाओं से अपील की है कि वे अपनी समग्र आईडी, आधार कार्ड और अपने घर के मोबाइल फोन का नम्बर लेकर आएँ, जिससे ई-केवायसी की जा सके। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने के लिये समग्र आईडी, आधार और मोबाइल फोन नम्बर का मिलान होना अनिवार्य है। श्री सिंह ने डबरा व भितरवार की जन-सुनवाई में भी ई-केवायसी कराने के निर्देश दिए हैं। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष तिवारी, अपर कलेक्टर एच बी शर्मा, जिले के सभी एसडीएम एवं विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने 14 मार्च को दोपहर एक बजे से बाल भवन में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना खासकर ई-केवायसी को लेकर साझा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
इस प्रशिक्षण में पार्षदगण, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी और महिला हितग्राहियों को ई-केवायसी करने का प्रशिक्षण दिया जायेगा। साथ ही मौके पर ही ई-केवायसी की जायेगी। उन्होंने 25 मार्च तक हर रोज विभिन्न स्थानों पर ऐसे शिविर लगाने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही कलेक्ट्रेट के ई-दक्ष कक्ष और आरएसीटी में भी प्रशिक्षण सत्र आयोजित कराने को कहा। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने बैठक में विभागवार लंबित सीएम हैल्पलाइन और समय-सीमा वाली शिकायतों के निराकरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि एक वर्ष से अधिक अवधि से लंबित शिकायतों का अभियान बतौर निराकरण किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं होगी।
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