भांडेर विधायक के पति को राहत...
हाई कोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने के आदेश को किया रद्द
ग्वालियर। हाई कोर्ट की एकल पीठ से दतिया जिले के भांडेर विधानसभा से विधायक रक्षा सिरोनिया के पति संतराम सिरोनिया को बड़ी राहत मिल गई। कोर्ट ने उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें स्टेट लेवल कास्ट सिक्योरिटी कमेटी ने 18 सितंबर 2018 को संतराम सिरोनिया के जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति का जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। वह अपना रोजगार व शिक्षा का प्रवेश खो सकता है। इसलिए छानवीन समिति को पारदर्शिता के आधार पर कार्य किया जाना चाहिए।
दरअसल पूर्व गृहमंत्री महेंद्र बौद्ध ने संतराम सिरौनिया के जाति प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत की थी। शिकायत में आरोप था कि संतराम सिरोनिया उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। इन्हें मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता है। इस शिकायत की तहसीलदार ने जांच की और स्टेट लेवल कास्ट सिक्योरिटी कमेटी 18 सितंबर 2018 को संतराम सिरोनिया का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया। जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने के पीछे कारण बताया कि राजस्व रिकार्ड में प्रमाण पत्र जारी करने की दायरा पंजी नहीं मिली है। संतराम सिरोनिया ने स्टेट लेवल कास्ट सिक्योरिटी कमेटी के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रतीप विसौरिया ने तर्क दिया कि 1996 के पहले जो जाति प्रमाण पत्र जारी किए गए थे, उन्हें दायरा पंजी में दर्ज करने का प्राविधान नहीं था। यह नियम 1997 में आया था। सरकार ने तय किया था कि 1997 के पहले जारी जाति प्रमाण पत्र वैध माने जाएंगे। स्टेट लेवल कास्ट सिक्योरिटी कमेटी ने गलत कार्रवाई की है। शासन की ओर से याचिका का विरोध किया गया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने वाले आदेश को रद कर दिया।
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