कुमार विश्वास बजट पर बात करते-करते RSS को अनपढ़ और वामपंथि कुपढ़ कह दिया...
सिर्फ बोलते हैं- हमारे वेदों में... देखे नहीं हैं कि कैसे हैं। भाई पढ़ भी लो : कुमार विश्वास
उज्जैन l उज्जैन में रामकथा करने पहुंचे कवि कुमार विश्वास ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कहा है। कुमार विश्वास ने बजट पर बात करते-करते यह बात कही। उनकी बात सुनकर सभा में मौजूद लोग हंस दिए और तालियां बजाईं। इस दौरान मध्य प्रदेश के मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन सहित महापौर मुकेश टटवाल मौजूद थे। उज्जैन में विक्रमोत्सव कार्यक्रम के तहत 21 से 23 फरवरी तक रामकथा का आयोजन किया गया है। मंगलवार को कथा सुनाने पहुंचे कुमार विश्वास का वीडियो वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता राजपाल सिसोदिया ने कहा- कथा करने आए हो कथा करो, प्रमाण पत्र मत बांटो श्रीमान।
आज से 4-5 साल पहले बजट आने वाला था। मैं अपने घर में स्टूडियो पर खड़ा था। कुछ रिकॉर्डिंग कर रहा था। वहां एक बच्चे ने मोबाइल ऑन कर दिया। वो बच्चा हमारे साथ काम करता है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी काम करता है। वो मुझसे बोला कि बजट आ रहा है, कैसा आना चाहिए। मैंने कहा- तुमने तो रामराज्य की सरकार बनाई है तो रामराज्य का बजट आना चाहिए। उसने कहा, रामराज्य में कहां बजट होता था। मैंने कहा, समस्या तुम्हारी यही है कि वामपंथी तो कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो। इस देश में दो ही लोगों का झगड़ा चल रहा है। एक वामपंथी हैं, वो कुपढ़ हैं, उन्होंने पढ़ा सब है, लेकिन सब गलत पढ़ा है।
और एक ये वाला है, इन्होंने पढ़ा ही नहीं है। ये सिर्फ बोलते हैं- हमारे वेदों में... देखे नहीं हैं कि कैसे हैं। भाई पढ़ भी लो। तो बोले रामराज्य में किस बात का बजट। कुमार ने कहा- भगवान ने चित्रकूट में भरत को रात में बैठकर समझाया। कहा कि- कैसे राज्य चलाते हैं। विशेष रूप से जो सबसे पुरानी राम कथाओं में है श्रीमद् भगवद्, वाल्मीकि रामायण के बाद आध्यात्म रामायण में इसका बड़ा अच्छा उल्लेख है, भगवान ने कहा राजा भरत से- बेटा टैक्स कैसे ले रहे हो, पैसा-वैसा सब ठीक है। भरत ने कहा- हां, जैसे टैक्स लेते हैं। भगवान ने कहा- नहीं, हम सूर्यवंशी हैं। हमको टैक्स ऐसे लेना चाहिए, जैसे सूरज लेता है। भरत ने पूछा- भैया सूरज कैसे टैक्स लेता है।
कुमार ने कहा- अब देखिए टैक्सेशन, यहां के वित्त मंत्री भी देखें और निर्मला सीतारमण भी सुनें। इससे फायदा होगा देश का और उनका स्वयं का। सूरज समुद्र से पानी ले लेता है, समुद्र को पता नहीं चलता। नदी से पानी ले लेता है, नदी को पता नहीं चलता। गिलास से पानी ले लेता है, गिलास को पता नहीं चलता। अंजूरी में पानी लेकर जून के महीने में बाहर खड़े हो जाओ पांच मिनट में पानी खत्म हो जाता है। पानी कौन ले गया, सूरज। और इस पानी का क्या बनाता है, बादल। ये बादल इक्ट्ठा होकर कहां बरसते हैं, जहां पानी की आवश्यकता होती है। यानि कि राजा जब कर ले, टैक्स ले तो किसी को पता न चले कि टैक्स कट गया।
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