मंत्रियों की हालत पतली...
सिंधिया के सामने समर्थकों को टिकिट दिलाने का संकट
सिंधिया जिस शर्त पर कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा में आये थे ,बो शर्त भाजपा पूरी कर चुकी है. ऐसा भाजपा नेताओं का कहना है. फिर भाजपा भी अब ऐसी कोई गलत्ती नहीं करेगी की सिंधिया को सरकार गिराने लायक टिकिट दे. भाजपा गुजरात फॉर्मूले को अपनाये या न अपनाये लेकिन यह तो तय है की सिंधिया समर्थकों को टिकिट मिलने की काम ही उम्मीद है. मंत्रियों की बात करें तो प्रभुराम चौधरी और विशाहुलाल आउट ऑफ़ डेट हो चुके हैं.
प्रदुमंन सिंह तोमर, ओपीएस भदौरिया भाजपा नेताओं और कार्यकताओं में समन्यवय नहीं बना पाए हैं. गोविंद सिंह राजपूत जमीं घोटाला में फंसे पड़े हैं. बात करें सिंधिया समर्थक हारे बिधायकों की तो इमरती देवी का भारी विरोध पार्टी में है .मुन्नालाल गोयल समांतर भाजपा चला रहे हैं ,इस कारण संघठन नाराज है और भाजपानेताओं से कोई तालमेल नहीं है. टिकिट नहीं मिला तो सिंधिया का साथ छोड़कर दूसरी पार्टी से भी चुनाव लड़ेंगे.
गिर्राज दंडोतिया, रघुराज कंसाना और एदल सिंह कंसाना भी टिकिट की लाइन में हैं पर जमीनी हालत पतली है. मंत्रियो और इन हरे विधायकों के बारे में भाजपा कार्यकताओं की यह राय खुलककर सामने आ रही है. कार्यकताओं का कहना है कि सिंधिया समर्थक भाजपा कार्यकर्ताओं से तालमेल नहीं हो पाया है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने समर्थकों को टिकिट दिलाने का संकट सामने खड़ा है,उनके समर्थक मंत्रियों की हालत पतली है.जमीनी रिपोर्ट इनके खिलाफ है.
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