अयोध्या फैसले में शामिल और नोटबंदी को सही ठहारने वाले...
जस्टिस अब्दुल एस नज़ीर को बनाया गया राज्यपाल
नई दिल्ली l राष्ट्रपति की तरफ से देश के 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के नये राज्यपाल के नाम की सूची जारी कर दी गई है। कुछ नए लोगों को राज्यपाल बनाया गया जबकि कुछ राज्यपाल के राज्य को बदल दिया गया है। हालांकि राज्यपालों की सूची में सबसे ज्यादा चर्चा जस्टिस (रिटायर्ड) एस. अब्दुल नजीर की हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग जस्टिस (रिटायर्ड) एस. अब्दुल नजीर को राज्यपाल बनाये जाने पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
जस्टिस नजीर अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई करने वाले पांच जजों की पीठ का हिस्सा रह चुके हैं, इसके साथ ही वह नोटबंदी को सही ठहराने वाले बेंच में भी शामिल थे। पांच जजों की संविधान पीठ में जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल थीं। जस्टिस नागरत्ना के अलावा चार जजों ने नोटबंदी को सही ठहराया था।
राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला सुनाने वाली पीठ में रहे जस्टिस अब्दुल नजीर बने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल, संस्कृत का श्लोक पढ़कर हुए थे रिटायर l बता दें कि जस्टिस नजीर की सबसे अधिक चर्चा अयोध्या केस के दौरान हुई थी। वह अयोध्या मामले की सुनवाई करने वाली 5 जजों की बेंच के सदस्य थे। उस बेंच में उनके अलावा तत्कालीन सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (वर्तमान सीजेआई), जस्टिस अशोक भूषण शामिल थे।
यूजर्स ने किये ऐसे कमेंट
अब एस. अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया, जिस पर सोशल मीडिया पर लोग टिप्पणी कर रहे हैं। @iamKhanD यूजर ने लिखा कि ये देश के साथ खिलवाड़ हो रहा है, ऐसे तो जज अपने भविष्य का सुख देख कर, सत्ता हित में फैसले देंगे और आम जनता इसका खामियाजा भुगतेगी। एक यूजर ने पूछा कि क्या पहले रिटायर्ड जजों को MP, Mla, राज्यपाल नहीं बनाया है?
@RKBOTHRA1 यूजर ने लिखा कि ये उस समुदाय से हैं जिसके बारे में लोग सरकार द्वारा प्रताड़ित करते रहने का आरोप लगाते रहते हैं। @ashwanidwd यूजर ने लिखा कि दोनों तरफ से सोचो। ये व्यक्ति अच्छा हो तो क्या इनको आगे नहीं बढ़ना चाहिए, सरकार प्रोत्साहन दे तो क्या बुराई है? एक यूजर ने लिखा कि पिछले ही महीने सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने से पहले जस्टिस नजीर ने नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया था। नज़ीर साहब बाबरी मामले पर फ़ैसला देने वाली बेंच में भी शामिल थे। पता नहीं मोदी जी कितनी बार दिल लूटेंगे।
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