स्मार्ट सिटी में...
नया प्रयोग फिर भी जाम ही जाम, फैल रही अव्यवस्था !
ग्वालियर l ऐसा प्रतीत होता है केवल नाम मात्र के लिए ही ग्वालियर का नाम स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया है l लगभग 8 वर्ष होने को है शहर को स्मार्ट सिटी में शामिल हुए लेकिन ये कितना स्मार्ट हुआ है सब के सामने है।
जब देखो तब शहरों की सड़कों पर जाम देखने को मिल रहा है l ये लगना बंद नहीं हो पा रहा है। इसके जो कारण है वह है शहर की सड़कें सड़कों की चौड़ाई l कई स्थानों पर पहले से इतनी कम चौड़ाई है कि इस पर दो वाहनों का एक साथ चलना भी मुश्किल है और उन सड़कों पर बीच डिवाइडर डालकर इस परेशानी को और बड़ा दिया गया है l डिवाइडर बनने से चौड़ाई और काम हो गई है फिर सड़क के दोनों तरफ दुकान,घर होने यहां लोगों के वाहन भी पार्क हो जाते है l मेकेनिक,ठेलेवाले भी सड़क घेर लेते है ऐसे में जाम लगना स्वभाविक है l कई जगह डिवाइडर दोसपूर्ण तरीके से बने है जिस से लोग रॉन्ग साइड चलने को भी मजबूर है l
इसका जीता जगता उदाहरण है शिंदे की छावनी से रामदास घाटी तक लगभग 250 मीटर का लम्बा डिवाइडर जिसमे एक मात्र कट है नबाब साहब के कुए के पास,इसके आलावा जैन मंदिर , खाल्सीपुरा,डोंगरपुरा, लक्ष्मण तलैया-रामबाग कालोनी,तोमर बड़ा आदि तमाम बड़ी बस्तियों और कालोनियों का रास्ता इस डिवाइडर ने रोक दिया है यही कारण कि यहाँ लोग रॉंग साइड चलने को मजबूर है l इतने लम्बे डिवाइडर का चक्कर लगाने से लोगों का टाइम और पैसा बर्बाद होता है l
इस समस्या को ख़त्म करने के लिए हजीरा से चार शहर के नाके तक बने डिवाइडर की तरह से जैन मंदिर , खाल्सीपुरा,डोंगरपुरा, लक्ष्मण तलैया-रामबाग कालोनी,तोमर बड़ा आदि स्थानों पर डिवाइडर में ट्व विहीलर निकलने लायक कट बनाकर किया जा सकता है l कट बन जाने से लोग रौंग साइड चलना बंद हो जायेंगे तो जाम भी नहीं लगेगा l एक्सीडेंट ना हो इसके लिए प्रत्येक कट से कुछ दूरी पर दोनों और ब्रेकर लगाकर स्पीड कंट्रोल हो सकती है जिस से दुर्घटना भी नहीं होगी lयही फार्मूला शहर में अन्य स्थानों पर भी अपनाया जा सकता है l ट्रैफिक लाइट की टाइमिंग ठीक हो, लेफ्ट टर्न क्लियर रहे, सड़कों से हॉकर्स और मेकैनिक हटाए जाएं, सडकों पर वाहन पार्किंग बंद हो, तभी स्मार्ट सिटी की सड़कें भी स्मार्ट हो पाएंगी।
लेकिन इसके विरीत यातायात पुलिस हर बार नया प्रयोग करती है। शहरवाससियों को जाम से निजात नहीं मिल पा रही है। पड़ाव पर बना नया आवर ब्रिज सिंधिया कन्या विद्यालय की ओर पड़ाव चौराह की ओर से आने वाली सड़क पर उतरता है। जहां पर पुलिस अधिकारी डिवाइडर लगाकर यातायात व्यवस्था को बनाने के लिए नित्य नए प्रयोग करते हैं लेकिन हालात अभी तक नहीं सुधर सके।
रेलवे स्टेशन चौराह पर यातायात पुलिस ने डीबी माल की ओर से आने वाली सड़क को डिवाइडर से ब्लाक कर दिया। अब वाहन मानसिंह तोमर की मूर्ति तक आते और वहां से फिर राउंड देकर वापस पुराने आवर ब्रिज पर चढ़ते हैं। एलआईअसी तिराहे पर जाम न लगे इसको लेकर कई प्रयोग किए जा चुके हैं। अचलेश्वर मंदिर से इंदरगंज तक पहुंचने वाले मार्ग पर पेट्रोल पंप के सामने चौराह पर डिवाइडर लगा रखे हैं, जिससे वहां पर अव्यवस्था फैल रही है। इंदरगंज चौराह पर अचलेश्वर की ओर जाने वाले मार्ग पर डिवाइडर लगाकर बंद कर दिया। जिससे वहां पर अवैध पार्किंग होने लगी और रोशनी घर रोड पर वाहनों का दबाव और अधिक बढ़ गया। ऊंट पुल के पास कुकस रेस्टोरेंट के सामने डिवाइडर लगाए गए। जिससे वहां पर भी वाहन अवैध रुप से पार्क होने लगे इससे जाम की स्थिति बनी रहती है और आवगमन में परेशानी होती है।
पाटनकर चौराह पर डिवाइडर हटा दिए जिससे यातायात सुगम हुआ। लेकिन पाटनकर चौराह से राम मंदिर चौराह को जोड़ने वाले रास्ते पर बैरिकेटिंग कर दी गई। जिससे वहां पर अवैध पार्किंग शुरू हाे गई इससे वहां पर जाम लग जाता है।गश्त के ताजिया से हरिनिर्मल टाकीज तक डिवाइडर लगा दिए गए। सड़क की चौड़ाई तकरीबन 40 फीट है,जिसके दोंनो ओर दुकानें होने से ग्राहकों के वाहन खड़े होते हैं। ऐसे में सड़क के बीचों बीच लगे डिवाइडर से वाहनों का आवगमन कठिन हो गया। इससे जाम की स्थित अधिक निर्मित हो रही है।
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