शराब दुकान के सामने गाय बांधी और चारा खिलाया...
शराब नहीं दूध पीयो : उमा भारती
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने रामराजा सरकार की नगरी ओरछा में शराब दुकान के सामने गाय बांध दी है। उमा ने गायों को केले और चारा भी खिलाया। उन्होंने नया नारा दिया है- शराब नहीं दूध पीयो। उमा ने कहा- युवा शराब छोड़कर दूध पिएं। 10 फरवरी को केदारेश्वर महादेव में महूरानी के पास पहली गऊ अदालत लगेगी। इससे पहले उमा ने कहा कि लोगों की लत का उपयोग कर पैसे बनाना सरकार का धर्म नहीं है। इसमें मूल दोषी कौन है बात तो यहां आएगी। मैं हूं मूल दोषी मुझे फांसी पर लटकाओ। मैंने सरकार के लिए वोट मांगे थे।
ओरछा में गुरुवार को शराब दुकान को लेकर उमा ने कहा दुकान 2.5 किलोमीटर दूर आवंटित थी। अधिकारियों ने ज्यादा राजस्व वसूली के लिए दुकान को यहां आवंटित कर दिया। शराब दुकान की रोड से 50 फीट की भी दूरी नहीं है। मुझे पता चला है कि यहां सभी ने इसका विरोध किया उसके बाद सरकार ने नोटिस दिया। सीएम शिवराज सिंह चौहान को लेकर उमा बोलीं शिवराज एक बहादुर नेता हैं उन्होंने 2 अक्टूबर को माना था कि हमारी वर्तमान शराब नीति में कई खामियां हैं।
अब नई शराब नीति बाबा रामदेव और उमा दीदी से बातचीत कर लाएंगे। अब मैं शिवराज सिंह से कहना चाहती हूं कि सेवक की भूमिका को छोड़ दें। सरकार को 8 महीने ही बचे हैं ऐसे में शासक की भूमिका में आएं। सेवक की भूमिका से ब्यूरोक्रेसी और भ्रष्ट नेताओं को बहुत लाभ होता है। शासक की भूमिका से जनता का लाभ होता है। सरकार ने मुझसे परामर्श मांगें इन्हें लागू करना चाहिए, उमा ने कहा- जब भी कैबिनेट हो मैं चाहती हूं कि मैंने जो जनहितैषी परामर्श दिए हैं सरकार को वे लेने चाहिए। मैंने 5 परामर्श लिखकर दे दिए हैं।
वैसे मैं तो पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में हूं लेकिन यदि इतना नहीं कर सकते हो तो नियंत्रण तो कर लो। हजार-डेढ़ हजार करोड़ के राजस्व की हानि होगी तो कहीं से भी वापस हो जाएगी। मध्यप्रदेश सरकार का 2 लाख करोड़ का बजट है। अब मुझे लग रहा है कि इतने से बात नहीं बनेगी। बात ये है कि हम लोगों को दूध पिलाएंगे या शराब पिलाएंगे। हम भाजपा है राम का नाम लेते हैं राष्ट्र की बात करते हैं सनातन की बात करते हैं या वैदिक युग की बात करते हैं तो उसमें शराब पिलाई जाएगी या दूध पिलाया जाएगा...। उमा ने कहा कि मधुशाला की जगह गऊशाला होनी चाहिए। कई जगह मधुशाला बंद हो जाएगी... नहीं होगी तो मैं ही कर दूंगी।
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