गैंगस्टर-आतंकवादी मामला...
एनआईए ने एक खालिस्तानी सहित छह को किया गिरफ्तार
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैंगस्टर-आतंकवादी मामले में कनाडा स्थित नामित आतंकवादी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला के एक करीबी सहयोगी सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकी की पहचान लकी खोखर उर्फ डेनिस के रूप में हुई है। हाल ही में, देशभर में 76 स्थानों पर छापेमारी की गई थी, जिसके कारण गिरफ्तारियां हुईं। केंद्रीय आतंकवाद रोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान लकी खोखर, लखवीर सिंह, हरप्रीत, दलीप बिश्नोई, सुरिंदर उर्फ चीकू चौधरी और हरिओम उर्फ टीटू के रूप में हुई है। एक अधिकारी ने कहा कि पंजाब के बठिंडा निवासी खोखर को मंगलवार को राजस्थान के श्रीगंगानगर से गिरफ्तार किया गया।
वह अर्श दल्ला के लगातार संपर्क में था और उसके लिए भर्ती की थी। खोखर ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उससे धन प्राप्त किया था। एनआईए ने कहा, उसने उसके निर्देश पर पंजाब में अर्श दल्ला के सहयोगियों को हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराया था, जिसका इस्तेमाल दल्ला के निर्देश पर पंजाब के जगराओं में हाल ही में हुई हत्या को अंजाम देने के लिए भी किया गया था। एनआईए ने 20 अगस्त 2022 को हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा, लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा और अर्शदीप सिंह समेत सात लोगों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। एक व्यक्ति दीपक रंगा को एनआईए ने मामले में पहले गिरफ्तार किया था। खोखर, दल्ला के लिए काम कर रहा था, जो भारत में अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्यीय सीमाओं पर हथियारों, गोला-बारूद, विस्फोटकों, आईईडी की तस्करी में शामिल रहा है।
अधिकारी ने कहा, जहां टीटू को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था, वहीं लखवीर सिंह को एक दिन बाद उनके और उनके सहयोगियों के खिलाफ पिछले साल अगस्त में सोशल मीडिया का उपयोग कर युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रेरित करने और उनकी भर्ती करने का प्रयास करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वे आम जनता में डर पैदा करने के लिए सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल कर रहे थे। लखवीर के कब्जे से कुल नौ हथियार बरामद हुए हैं। लखवीर एक कुख्यात अपराधी है और छोटू राम भट का सहयोगी है, जिसे पहले मामले में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए इस मामले में अब तक कौशल चौधरी, अमित डागर, सुखप्रीत सिंह, भूपी राणा, नीरज बवाना, नवीन बाली और सुनील बालियान समेत नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
एनआईए ने आगे कहा कि सुरेंद्र चौधरी और दलीप बिश्नोई, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया और कनाडा स्थित अपराधी गोल्डी बराड़ के ज्ञात सहयोगी हैं। उन्हें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की ओर से धन जुटाने, युवाओं की भर्ती करने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला एनआईए ने पिछले साल अगस्त में दर्ज किया था और लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, काला जठेरी, काला राणा, जोगिंदर सिंह, राजेश कुमार, राजू बसौदी, अनिल चिप्पी, नरेश यादव और शाहबाज अंसारी सहित दस आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।अधिकारी ने कहा कि सुरिंदर चौधरी, जिसे मंगलवार को गिरफ्तार किया गया, वह हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के लिए एनडीपीएस अधिनियम के तहत कई मामलों का सामना कर रहा है।
दलीप बिश्नोई, जिसे बुधवार को गिरफ्तार किया गया था, वह एक आदतन अपराधी है। जिसके खिलाफ 13 मामले दर्ज हैं। वह इस आतंकी गिरोह के मुख्य वित्तपोषकों में से एक रहा है।एनआईए की जांच में अब तक सामने आया है कि कई अपराधी, जो भारत में गैंगस्टरों का नेतृत्व कर रहे थे, पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, फिलीपींस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भाग गए थे और विभिन्न राज्यों की जेलों में बंद अपराधियों के साथ मिलकर वहां से अपने आतंक और आपराधिक गतिविधियों की योजना बना रहे थे।ये समूह ड्रग्स और हथियारों की तस्करी, हवाला और जबरन वसूली के जरिए लक्षित हत्याएं कर रहे थे और अपनी नापाक गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे थे। आगे की जांच जारी है।
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