अशिक्षा और बीमारी के शिकंजे में फंसी भोलीभाली...
जनता का अपने ऐश्वर्य और विलासिता को बढ़ाने के लिए शोषण करते हैं ये डोंगी : माकपा
जबकि यह तथाकथित बाबा साम्प्रदायिक और अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ घृणा फैलाकर प्रदेश के साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ रहे हैं। माकपा नेता ने कहा है कि सीहोर जिले के कुबेरेश्वर गाव मे शिवरात्रि के समय हुई अराजकता और मौतें इस लिए चिंताजनक हैं क्योंकि तथाकथित बाबा प्रदीप मिश्रा सोशल मीडिया और आध्यात्मिक चैनल से जनता को आमंत्रित कर रहे थे और प्रशासन बाबा से यह पूछने का साहस नहीं कर पा रहा था कि इतने बड़े आयोजन के लिए व्यवस्थाएं क्या और कैसी हैं। जसविंदर सिंह ने कहा है कि प्रदीप मिश्रा यह दुस्साहस इसलिए कर रहा था, क्योंकि पिछले साल जब इसके आयोजन पर प्रशासन ने रोक लगाई थी।
तो प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा बाबा के पक्ष में अपनी ही सरकार के खिलाफ उतर आए थे और प्रशासन अनुमति देने को बाध्य हुआ था। जसविंदर सिंह ने कहा है कि कुबेरेश्वर में हुई अव्यवस्था के लिए किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को दोषी न ठहराना और इस हादसे की जांच के आदेश न देना साबित करता है कि बाबा के साथ साथ शिवराज सिंह चौहान सरकार भी इस हादसे को सामान्य घटना मान रही है। बाबा की तरह ही सरकार की नजरों में भी आमजन की जिंदगी की कोई कीमत नहीं है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि यह प्रदेश की जनविरोधी नीतियों के सरगना नेताओं और शातिर बाबाओं का घिनौना गठजोड है। माकपा ने मांग की है कि बाबा जब लाखों की तादाद में लोगों को रुद्राक्ष बांटने के लिए बुला रहा था तो यह जांच भी की जानी चाहिए कि इतनी बड़ी संख्या में रुद्राक्ष थे भी या नहीं। यदि नहीं हैं तो बाबा पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और पूरे नुकसान की भरपाई भी बाबा से ही की जाए। माकपा ने इन बाबाओं के झूठे दावों की वैज्ञानिक आधार पर जांच कर सच्चाई जनता के सामने लाने और इन बाबाओं की अपार और अवैध संपत्तियों की प्रभावी एजेंसी से जांच कराने की मांग की है।
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