अमीरों के रीति-रिवाज गरीब परिवारों के लिए बोझ न बन जाएं इसलिए पंचायत ने सुनाया फरमान...
दुल्हन नहीं पहनेगी लहंगा !
पंजाब । कपूरथला में एनआरआई बेल्ट भुलत्थ के गांव भदास की ग्राम पंचायत ने फरमान जारी करके कई शर्तें लागू की हैँ। इन शर्तों की अवमानना न केवल भारी-भरकम जुर्माने का प्रावधान रखा हैं, वहीं गुरुघर में जोड़ों की सेवा भी साथ में करनी होगी। ग्राम पंचायत के अनुसार यह फरमान महंगाई के मद्देनजर और सादे विवाह-शादी की परंपरा को प्रफुल्लित करने के मकसद से लिए गए हैं, जिससे अमीरों के रीति-रिवाज गरीब परिवारों के लिए बोझ न बन जाएं।
इस फरमान में 12 बजे से पहले बरात की लावों (फेरे) की व्यवस्था और लावों के समय दुल्हन के लहंगा पहनने पर पाबंदी लगाई है। वहीं यदि बरात 12 बजे के बाद आती है तो 11 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। शादी के बाद फेरा डालने की रस्म में सिर्फ पारिवारिक सदस्य जाएंगे, यदि कोई और गया तो 11 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा।
लंगर वाले टिफिन बॉक्स व लिफाफे में लंगर ले जाने पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई है, यदि कोई घर का सदस्य या लंगर ले जाने वाला कसूरवार पाया गया तो 10 हजार रुपये जुर्माना और दो माह की गुरुघर में जोड़ों की सेवा करनी होगी। वहीं यदि कमेटी मैंबर, प्रधान, नंबरदार या सरपंच कसूरवार पाए जाते हैं तो 30 हजार रुपये जुर्माना और तीन माह की गुरुघर में जोड़ों की सेवा भी लाजमी की गई है।
यदि रोटी बनाने वाले या पंच उल्लंघन करते पाए गए तो 1100 रुपये जुर्माना होगा। किन्नर, भंड या कोई अन्य को पंजाब सरकार से मान्यता प्राप्त दस्तावेज या पंचायत की ओर से तस्दीक किए जाने पर ही बधाई दी जाएगी। किन्नर को 5100 तक और भंड व अन्य को 1100 रुपये बधाई दी जाएगी।
गांव में नशा बेचना यानी जर्दा, तंबाकू व खैनी बेचना बिल्कुल मना है। यदि कोई फिर भी नहीं हटता तो उसे 5000 रुपये जुर्माना किया जाएगा। नशा बेचने वाले की कोई सूचना देता है तो उसको पंचायत की ओर से 5000 रुपये दिए जाएंगे। सूचना देने वाले का नाम गुप्ता रखा जाएगा।
महंगाई को बताया वजह
इन शर्तों वाले फरमान के संदर्भ में गांव भदास के सरपंच निशान सिंह ने कहा कि इनको लागू करने का मकसद केवल महंगाई है। क्योंकि जिस तरीके से हर चीज के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में अमीरों की ओर से शादियों में किए जाने वाले फिजूलखर्च की नई परंपरा बढ़ रही हैं। जिससे गरीब परिवारों के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं।
जिन पर रोक लगाना बेहद जरूरी था। 7000 आबादी वाले गांव के लोग और ग्राम पंचायत इससे पूरी तरह से सहमत हैं। अभी तक किसी ने भी इनका उल्लंघन नहीं किया है। बारात के समय, लहंगे पर पाबंदी व लंगर के लिए जारी शर्तों को गुर मर्यादा की बहाली के लिए लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि उल्लंघन से वसूले जाने वाली राशि को गांव के गरीब-असहाय लोगों की मदद के लिए खर्च की जाएगी।
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