90 दिन के भीतर आदेश का पालन...
60 की उम्र में जिन्हें सेवानिवृत्त कर दिया, उन्हें दो वर्ष के सभी लाभ दिए जाएं : हाईकोर्ट
जबलपुर। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने मप्र पर्यटन विकास निगम कर्मियों के हक में महत्वपूर्ण राहतकारी आदेश पारित किया। इसके जरिये व्यवस्था दी गई कि पर्यटन विकास निगम के कर्मियों को 60 नहीं 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त करें। जो कर्मी 60 वर्ष के हो गये हैं, उन्हें 62 वर्ष तक सेवा में रखा जाये। यही नहीं जिनको 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त कर दिया गया है, उन्हें दो वर्ष के सभी लाभाें का भुगतान सुनिश्चित किया जाये। यह संपूर्ण प्रक्रिया 90 दिन के भीतर पूरी कर ली जाए।
याचिकाकर्ता भोपाल निवासी मप्र पर्यटन विकास निगम कर्मी अशोक कुमार सोनी सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता अक्षय पवार ने रखा। उन्होंने दलील दी कि शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से 62 होने के बावजूद मप्र पर्यटन विकास निगम में मनमाने तरीके से 60 वर्ष में ही सेवानिवृत्त करने का ढर्रा बदस्तूर जारी है। इससे कर्मचारियों को नुकसान हो रहा है। बावजूद इसके कि मप्र पर्यटन विकास निगम की नियमावली में साफ तौर पर लिखा है कि मप्र शासन के परिपत्र उसके संदर्भ में भी अन्य शासकीय विभागों की भांति स्वत: प्रभाव से लागू होंगे।
ऐसे में सवाल उठता है कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के सिलसिले में शासकीय नियम का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। याचिकाकर्ता तीन वर्ष पूर्व न्यायालय की शरण में आये थे। नोटिस जारी हुये। लेकिन विभाग की ओर से वित्तीय व्यवस्था खराब होने सहित अन्य गोल-मोल जवाब देकर बचाव जारी है। यह रवैया सर्वथा अनुचित है। हाई कोर्ट ने तर्क से सहमत होकर याचिकाकर्ताओं काे बड़ी राहत देते हुये उनके हक में आदेश पारित कर दिया।
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