सुस्त पड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर भोपाल से मिली चेतावनी...
कागजों में है नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की तैयारियां !
ग्वालियर। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की अंतिम परीक्षा अगले माह होने वाली है, लेकिन नगर निगम की तैयारियां कागजों में ही चल रही हैं। शहर में सफाई व्यवस्था सुधारने के बजाय निगम अधिकारियों का प्रयास है कि सर्वेक्षण से पहले सेवा स्तर प्रगति श्रेणी के तहत आने वाली लेगेसी वेस्ट (डंप कचरा) के निष्पादन, वाहनों की रूट मैपिंग, मानिटरिंग आदि व्यवस्थाओं को कागजों में दर्शा दिया जाए। केंद्रीय दल को यह बताया जाए कि भविष्य में ये व्यवस्थाएं होने जा रही हैं, जिसके आधार पर निगम को अंक प्रदान कर दिए जाएं।
शहर में पिछले एक पखवाड़े से सुस्त पड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर भोपाल से भी चेतावनी जारी की गई है, लेकिन फिर भी स्थितियां जस की तस पड़ी हुई हैं। डोर-टू-डोर टिपर वाहनों की सामान्य सी दिखने वाली निगरा नी व्यवस्था को निगम ने 15 फरवरी तक चालू करने का दावा किया था, उसके अभी तक रूट भी तय नहीं हो पाए हैं। अब शुरुआत में 96 टिपर वाहनों के रूट तय किए जा रहे हैं। केदारपुर लैंडफिल साइट पर 15 वर्षों से अधिक समय से पड़े साढ़े सात लाख टन कचरे के निस्तारण की टेंडर प्रक्रिया ही अभी चल रही है। कार्यादेश जारी होने और काम शुरू होने में एक माह का समय लग जाएगा। ऐसे में जब टीम लैंडफिल साइट पर निरीक्षण के लिए पहुंचेगी, तो कचरे के पहाड़नुमा ढेर नजर आएंगे।
अधिकारी भी इस बात को स्वीकार रहे हैं कि इससे स्वच्छ सर्वेक्षण में अंकों का नुकसान होगा, लेकिन दस्तावेज दिखाकर अंक देने की मांग की जाएगी। इसी प्रकार वाटर प्लस को लेकर भी नाले-नालियों की सफाई और जालियां लगाने के निर्देश भोपाल स्तर से दिए गए थे, लेकिन उस मामले में भी अभी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है। पिछले सर्वेक्षण के दौरान भी दो नालियों पर जालियां नहीं होने के कारण अंक काट दिए गए थे। ऐसे में साफ है कि आधे-अधूरे नंबरों से एक बार फिर शहर की रैंकिंग और खराब हो सकती है।
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