जीवाजी विश्वविद्यालय के चरक उद्धान में स्थित कुंए में होगी वाटर हार्वेस्टिंग !
सौ साल पुराने कुएं का जीवाजी विश्वविद्यालय करेगा जीर्णोद्धार
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन ने चरक उद्यान मैं बने लगभग सौ साल से अधिक पुराने कुएं का जीर्णोद्धार करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय गत दिवस रेक्टर प्रो. डी एन गोस्वामी व कुलसचिव डॉ. आर के बघेल ने चरक उधान के निरीक्षण के दौरान लिया। इस कुएं को वाटर हार्वेस्टिंग के रूप मै उपयोग किया जावेगा। इसमें एक लोहे का मज़बूत जाल भी डाला जाएगा, जिससे कोई इसमें गिरे नहीं।यह कुआँ लगभग 60 फिट गहरा और 20 फिट चौड़ा है, जो चूने व खंडो से बना है जो अब धीरे धीरे क्षतिग्रस्त हो रहा है।
यहाँ लगभग 30 बीघा मै चरक उद्धान बना है जिसमें कई मेडिसनल प्लांट लगे है,यहाँ नक्षत्र वाटिका भी बनी हुई है, जिसमें नक्षत्र के हिसाब से पौधे लगे हैं।साथ ही विवि के क्वार्टरों की ढाल इस उद्धान की तरफ ही है बरसात के पानी को इस कुएं मै उतारा जाएगा जो वाटर रिचार्ज का काम करेगा। जिससे आस पास के क्षेत्रों को लाभ होगा और चरक उद्धान भी हरा भरा होगा।अभी बरसात का पानी नालों मै बह जाता है अब कुएं का जीर्णोद्धार कराकर मजबूती प्रदान की जायेगी और बरसात का पानी स्टोर किया जावेगा। वर्जन :चरक उद्धान मैं बना कुआँ सौ साल से भी अधिक पुराना है, जो जीर्ण शीर्ण हो रहा है। कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी के निर्देश पर इसका जीर्णोद्धार कराया जाएगा, जो वाटर हार्वेस्टिंग मैं काम आएगा।
0 Comments