मीडिया, बिजनेस बनाएं माहौल :पूर्व सैन्य जनरल
Create environment for media, business: Former Army General
भारत से बातचीत के लिए गिड़गिड़ाया पाकिस्तान !
Pakistan begged for talks with India!
पूर्व डीजी ने कहा कि आज के समय में देश की जरूरत है। बातचीत को आगे बढ़ाना सिर्फ सरकार या सेना का काम नहीं है। क्योंकि अगर आप सारी जिम्मेदारी उन पर छोड़ देंगे तो बात आगे नहीं बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मीडिया, बिजनेस और व्यापार के जरिए शुरुआत की जा सकती है। इससे भारतीय समाज में बातचीत के लिए माहौल तैयार होगा। जिससे सरकार पर बातचीत के लिए दबाव बनेगा। साथ ही अमेरिका और यूरोपीय यूनियन की भी इसमें बाहरी दबाव बना सकते हैं।
The former DG said that in today's time there is a need of the country. It is not just the job of the government or the army to take the dialogue forward. Because if you leave all the responsibility on them then the matter will not move forward. He said that it can be started through media, business and trade. This will create an environment for dialogue in the Indian society. Due to which there will be pressure on the government for talks. Also, America and European Union can also create external pressure in this.
अतहर अब्बास ने कहा कि अतीत में भारत और पाकिस्तान ने बातचीत शुरू करने के कई मौके आए थे लेकिन सब गंवा दिए गए। इसमें उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा बस में सवार होकर लाहौर आने और फिर पाकिस्तान के पूर्व जनरल परवेज मुशर्रफ के आगरा जाने का जिक्र किया। उन्होंने पाकिस्तान के राजनीतिक रूप से अस्थिर हालात पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि जब आप आपस में लड़ रहे हैं तो ऐसे माहौल में बातचीत नहीं हो सकती।
Athar Abbas said that in the past there were several opportunities for India and Pakistan to start talks but all were lost. In this, he mentioned about Indian Prime Minister Atal Bihari Vajpayee coming to Lahore by bus and then former Pakistan General Pervez Musharraf going to Agra. He also expressed concern over the politically unstable situation in Pakistan. He said that when you are fighting among yourselves, talks cannot take place in such an environment.
पाकिस्तानी सेना के पूर्व शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अस्थिर पाकिस्तान भारत के लिए भी नुकसानदायक है। ऐसे में हम सिर्फ इस बात का इंतजार नहीं कर सकते कि सरकार ही भारत से बातचीत करेगी। बता दें कि इन दिनों पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। यही वजह है कि वहां की सेना हो या फिर सरकार सभी एक सुर में भारत से बातचीत की गुहार लगा रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खुद भारत से बातचीत करने की अपील कर चुके हैं और उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान ने अपना सबक सीख लिया है। हालांकि अभी तक भारत सरकार की तरफ से बातचीत की कोई पहल नहीं हुई है। भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती।
The former top Pakistani army officer said that an unstable Pakistan is also harmful for India. In such a situation, we cannot just wait for the government to hold talks with India. Let us tell you that these days Pakistan is going through a serious economic crisis. This is the reason whether it is the army or the government there, everyone is making a request for talks with India in one voice. Pakistan's Prime Minister Shehbaz Sharif himself has appealed for talks with India and said that Pakistan has learned its lesson. However, so far there has been no initiative for talks from the Government of India. The Government of India has made it clear that terrorism and talks cannot go together.
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